असम कांग्रेस के नेता रिपुन बोरा ने किया वित्तीय आवंटन की कमी के लिए 2024-25 के राज्य बजट की कड़ी आलोचना ।

एनपीटी असम ब्यूरो
असम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रिपुन बोरा ने कल बुधवार को असम कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में एक संवाददाता सम्मेलन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन सरकार पर वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए “भ्रामक” बजट पेश करने का गंभीर आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता रिपुन बोरा ने कान्फ्रेंस में कहा है कि सरकार द्वारा आवंटित बजट का केवल 49% अबतक खर्च किया गया है, जिससे 51% अभी भी अप्रयुक्त है। रिपुन बोरा ने सरकार से प्रश्न किया है “जब सिर्फ दो महीने बचे हैं, तो सरकार शेष 51% कैसे खर्च करेगी? उन्होंने कहा कि सरकार एडवांटेज असम कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं, फिर भी औद्योगिक क्षेत्र पर केवल 19%, केंद्रीय प्रौद्योगिकी और पर्यावरण पर 16%, पर्यटन पर 11%, स्वदेशी आदिवासी और सांस्कृतिक विभाग पर 36% ओर पहाड़ी क्षेत्र के विकास पर 20% खर्च किया गया है। कुल मिलाकर, विकास बजट का केवल 49% खर्च किया गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के नेतृत्व वाली सरकार पर वित्तीय कुप्रबंधन और आवंटित धन का प्रभावी ढंग से उपयोग करने में विफल रहने का आरोप लगाया है । बोरा ने कल कांफ्रेंस में यह भी बताया कि लगभग 97,444 करोड़ रुपये केंद्र और ऋण से आते हैं, जो बाहरी निधियों पर राज्य की भारी निर्भरता को दर्शाता है। उन्होंने आगे विस्तार से बताया कि 2024-25 के बजट में 1,43,606 करोड़ रुपये की राशि है, जिसमें 34,149 करोड़ रुपये का राज्य कर राजस्व, 8,871 करोड़ रुपये का गैर-कर राजस्व, 40,000 करोड़ रुपये के केंद्रीय कर का हिस्सा, 23,197 करोड़ रुपये की केंद्र प्रायोजित योजनाएं और 4,806 करोड़ रुपये का वित्त आयोग अनुदान शामिल है। मानक बजट कार्यान्वयन प्रक्रिया के बारे में बताते हुए, रिपुन बोरा ने कहा, “प्रत्येक बजट में इसके कार्यान्वयन की देखरेख के लिए एक विशेष समिति होती है, जिसकी तिमाही निगरानी की जाती है। आदर्श रूप से, बजट का 20% पहली तिमाही में, 30% दूसरी में, तीसरी में 30% और चौथी में शेष 20% खर्च किया जाना चाहिए। अब हम चौथी तिमाही में हैं, और बजट का केवल 49% खर्च किया गया है। यह स्पष्ट रूप से वर्तमान सरकार की विफलता को दर्शाता है। रिपुन बोरा ने आगामी 2025-26 बजट की आलोचना करते हुए कहा है कि संभवतः यह बजट “चुनाव-उन्मुख” होगा। जिसका उद्देश्य राज्य की विकास संबंधी जरूरतों को पूरा करने के बजाय राजनीतिक लाभ हासिल करना तथा मतदाताओं को लुभाने के लिए बनाया गया एक ‘प्रलोभन’ होगा। बजट की अपनी आलोचनाओं के अलावा, रिपुन बोरा ने मनरेगा योजना के तहत धन सुरक्षित करने में विफलता के लिए भाजपा सरकार की निंदा की और उस पर अत्यधिक ऋण लेने का आरोप लगाते हुए उन्होंने दावा किया कि असम के भाजपा गठबंधन सरकार ने यह काम करके राज्य को विकास में कम से कम 20 साल पीछे धकेल दिया है।