पाकुड़

फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कर डीसी मनीष कुमार ने की फाइलेरिया मुक्ति अभियान का आगाज

 एनपीटी पाकुड़ ब्यूरो,

पाकुड़ (झा०खं०), 10 फरवरी से 25 फरवरी तक जिला में चलने वाले फाइलेरिया मुक्ति अभियान के शुभारम्भ को लेकर सोमवार को शहर के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में स्वास्थ्य विभाग की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे उपायुक्त  मनीष कुमार, सिविल सर्जन डॉ मंटू कुमार टेकरीवाल एवं विशेष कार्य पदाधिकारी  त्रिभुवन कुमार सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया। अभियान के तहत जिलें के 1189 गांवों एवं शहरी क्षेत्र में 21 वार्ड के 226220 घरों को आच्छादित किया जायेगा। उपायुक्त मनीष कुमार ने फाइलेरिया मुक्ति अभियान के तहत दिए जाने वाली दवा का सेवन किया। साथ ही उन्होंने स्कूली छात्रा समेत अपनी सुपुत्री को भी फाइलेरिया रोधक दवा की खुराक अपने हाथों से दिया। वही मौके पर मौजूद बच्चों और अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि फाइलेरिया बीमारी को जिला से मुक्त करने के लिए यह अभियान मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि अभियान के तहत सभी लोगों को दवा का सेवन करना है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जो भी दिशा- निर्देश दिया जा रहा है, उसका अक्षरशः पालन करते हुए दवा का सेवन करना है। उपायुक्त ने कहा कि फाइलेरिया मुख्यतः मच्छर के काटने से होता है और इससे काफी लोग प्रभावित होते हैं। अल्बेंडाजोल की गोली निश्चित ही इससे हम लोगों को मुक्ति दिलाएगी। साथ ही उपायुक्त ने एक फाइलेरिया मरीज के बीच एमएमडीपी किट वितरित किया। दवा सेवन से पूर्व आवश्यक ध्यान देने योग्य बाते- दवा का सेवन भूखे पेट में नही करना है, साथ ही एक वर्ष से छोटे बच्चें, गर्भवती महिलायें एवं गंभिर रुप से बीमार व्यक्तिओं को दवा का सेवन नहीं करना है। यदि दवा सेवन के बाद सरदर्द, उल्टी, बुखार, चक्कर या बदन दर्द जैसी परिशानियां होती है, तो यह फाईलेरिया संक्रमन का संकेत है, जो दवा सेवन के बाद आपके शरीर में मौजूद फाईलेरिया कृमि के मरने के कारण यह प्रतिक्रिया हुई थी। फाईलेरिया क्या है- फाईलेरिया का संक्रमण संक्रमित मादा क्यूलैक्स मच्छर के काटने से फैलता है। फाईलेरिया मुख्यतः व्यक्ति के शरीर के चार अंगों को प्रभावित करता है, जिसमें पैर, हाथ, अण्डकोष एवं महिलाओं के स्तन शामिल हैं। संक्रमण के बाद बीमारी होने में 05 से 15 वर्ष लग सकते है। किसी भी उम्र के व्यक्ति फाईलेरिया से संक्रमित हो सकते है। फाईलेरिया से संक्रमित व्यक्तिओं के पैरों में सूजन आ जाती है, जिसे लिम्फोडेमा तथा आम भाषा में हाथीपांव भी कहा जाता है। संक्रमित पुरुष के अण्डकोष में सूजन आ जाती है, जिसे हायड्रोसील कहा जाता है। ससमय उपचार न होने पर यह बीमारी धीरे-धीरे व्यक्ति को दिव्यांगता की और अग्रसारित करता है। उपायुक्त ने कहा कि पाकुड़ जिला को फाइलेरिया मुक्त बनाने के लिए आमजन फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में अपनी भागीदारी दे एवं निर्धारित तिथि को बूथ पर आकर फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करे एवं अपने परिजनों एवं आस-पास के लोगों को भी फाइलेरिया रोधी दवा खाने के लिए जागरूक करे। वही फाईलेरिया से बचाव- फाईलेरिया से बचाव हेतु अपने घर के आस-पास पानी जमा न होने दे। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करे एवं सरकार द्वारा वर्ष में एकबार एमडीए के दौरान खिलाई जाने वाली फाईलेरिया रोधी दवाओं का अवश्य सेवन करे। आपका सहयोग- प्रयास हमारा, फाइलेरिया मुक्त हो-  पाकुड़ हमारा।

Show More

Nurul Islam

PRABHARI (MANDAL)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button