बरसाना में हुरियारिनें लट्ठ चलाने का करने लगीं अभ्यास

एनपीटी मथुरा ब्यूरो
मथुरा। बरसाना में वसंत पंचमी से शुरू हुई 40 दिवसीय होली की खुमारी अब धीरे-धीरे परवान चढ़ने लगी है। हुरियारिनें जहां लट्ठ चलाने का अभ्यास करने के साथ ही उन्हें तेल पिला रही हैं, वहीं हुरियारे भी अपनी ढालों को दुरुस्त कर रहे हैं।
बरसाना की विश्व विख्यात लठामार होली की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसमें हुरियारिनें बिना रुके-थके एक घंटे तक ताबड़तोड़ लट्ठ ढालों के ऊपर बरसाती हैं। उनके लाठी चलाने का अंदाज किसी लठैत से कम नहीं होता। वहीं, नंदगांव के हुरियारे भी अपने नन्हे हुरियारों को लाठियों से बचने के तरीके सिखा रहे हैं। लठामार होली का दृश्य अद्भुत होता है। अबीर और गुलाल के गुबार के बीच चमड़े की ढाल पर बरसतीं लाठियां, लाठियों से बचाव करते हुरियारे और इन्हें देखने के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ता है। होली खेलने के लिए जहां लाठियां बरसाने वालीं हुरियारिनों का दक्ष होना जरूरी है, वहीं ढाल पकड़ने वाले हाथ की पकड़ भी मजबूत होनी चाहिए। इसके लिए हुरियारिनें एक महीने पहले से ही सुबह-शाम दूध में बादाम डालकर तो कभी हलवा बनाकर खा रही हैं। फलों का सेवन करती हैं। इन सभी पौष्टिक आहार को खाने के बाद उन्हें लगातार लाठी चलाने की ताकत मिलती है। बुजुर्ग महिलाएं नववधुओं को लट्ठ चलाने का हुनर सिखा रही हैं। उत्साह से लबरेज इन महिलाओं का अभ्यास हर दिन चल रहा है।