
एनपीटी झारखंड ब्यूरो
बासुकीनाथ(दुमका) प्रतिवर्ष अलग अलग तरीकों से हजारों की संख्या में शादियां होती है और बारातें भी निकलती हैं, लेकिन बीते दिन महाशिवरात्रि पर एक ऐसी शादी हुई जो सभी शादियों से अलग हटकर हुई| इस शादी में किसी के बाबा-मैया की शादी हुईं है तो किसी के माता पिता की शादी हुई, जी हां आप सभी समझ गये होंगे हम किसकी बात कर रहे हैं।
इस विचित्र शादी में अजब गजब के बाराती भी देखने को मिले, सबसे विचित्र यह है कि इस शादी में बेटा पतोहू के साथ-साथ नाती पोता भी जमकर डांस करते देखे गए| यही नहीं सबसे आश्चर्यजनक बात यह है की डमरू, ढोल, नगाड़ा, मृदंग कठताल, घंटा, शंख, सिंगा झाल आदि प्राचीन काल के वाद्यों के बदले अत्याधुनिक वाद्य डीजे पर भी बाबा के बाराती जमकर डांस करते देखे गए। जिस तरह से महाकवि गोस्वामी तुलसीदास जी ने अपने श्री रामचरितमानस में शिव बारात के बारे में लिखा है ठीक वही बारात बीती रात शिवरात्रि के अवसर पर बासुकीनाथ धाम में देखने को मिली| फर्क इतना ही था कि देव-दानव भूत प्रेत डायन जोगन की संख्या में कमी दिखी| हां महुआ रिष्ट के मद में माते मतलों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी|
यह सही है की किसी भी बड़े आयोजन में कोई ना कोई कमी रह जाती है इस बारात में भी एक कमी दिखी| इस बार इस ऐतिहासिक बारात में नारद मुनि जिस गजराज पर आरुढ़ होकर नगर भ्रमण करते थे, वह गजराज कहीं नहीं दिखे| हलांकि उनके बदले में दो तीन शुद्ध स्वदेशी जुगाड़ वाहन पर भूत प्रेत को आरुढ़ होकर अत्याधुनिक संगीत पर नृत्य कला का प्रदर्शन करते जरूर देखा गया। लोगों को मानना है कि भोलेनाथ की इस विचित्र शादी की यही तो विचित्र बात है जो इन्हें विचित्र बनता है। बहरहाल जो भी हो बाबा-मैया की शादी श्रद्धा भक्ति से संपन्न हुई| बारात में सभी शामिल लोगों ने बाबा मैया का आशीर्वाद प्राप्त किया और अगले वर्ष बिना निमंत्रण के पुनः बारात में शामिल होने के लिए आने का आश्वासन देकर अपने-अपने गृह क्षेत्र के लिए प्रस्थान किया| वही कुछ बाराती मरजाद की रस्म अदायगी के लिए रुके हुए हैं जिनकी विदागरी आज की जायेगी।