फैजान-ए-औलिया सौजियान मदरसा में वार्षिक परीक्षा, 150 से अधिक छात्र हुए शामिल

एनपीटी जम्मू एवं कश्मीर ब्यूरो
पुंछ। पुंछ जिले की तहसील मंडी के सीमावर्ती क्षेत्र सौजियां मोहल्ला लारी में नूरानी मस्जिद शरीफ से सटे मदरसा फैजान-ए-औलिया में वार्षिक परीक्षा आयोजित की गई, जिसमें 150 से अधिक छात्र व छात्राओं ने भाग लिया। इस अवसर पर हजरत मौलाना रियाज अहमद नईमी (प्रधानाचार्य दारुल उलूम रजा मुस्तफा आला पीर मंडी) के साथ मौलाना हसन दीन मंजरी (इमाम और खतीब जामिया मस्जिद पुलिस लाइन पुंछ), हाफिज लियाकत हुसैन (पुंछ) और मुहम्मद आरिफ कादरी भी मौजूद थे। माननीय सैयद शिराज जिलानी को छात्रों की परीक्षाओं और शैक्षणिक मूल्यांकन की निगरानी के लिए आमंत्रित किया गया था। परीक्षा में लारी क्षेत्र एवं आस-पास के विभिन्न मोहल्लों से लगभग 100 विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। परीक्षा प्रक्रिया के दौरान, यह देखा गया कि ग्रामीण विद्यालयों में शिक्षक उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं और क्षेत्रीय धार्मिक आवश्यकताओं को पूरा करने, आस्था और व्यवहार में सुधार लाने तथा धर्म और सुन्नी इस्लाम को मजबूत करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि अहले सुन्नत का उज्ज्वल भविष्य स्कूलों के शैक्षणिक अनुशासन से जुड़ा हुआ है। जो शिक्षक पहले परीक्षाओं से डरते थे, वे अब अपनी मेहनत के प्रति आश्वस्त और आश्वस्त महसूस कर रहे हैं। इसका परिणाम यह हुआ कि ग्रामीण लोगों में धार्मिक जागरूकता और चेतना में वृद्धि हुई। मंडी तहसील के दूरदराज और अलग-थलग क्षेत्रों में सेवारत मदरसों के बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि उन्हें समय-समय पर प्रोत्साहन, मार्गदर्शन और नेतृत्व की आवश्यकता है ताकि वे अभाव की भावना से ग्रस्त होने के बजाय मजबूत और एकीकृत शैक्षिक सेवाएं प्रदान कर सकें। शिक्षाविदों ने इस बात पर जोर दिया कि धन उगाही अभियानों पर निर्भर रहने के बजाय स्कूलों को मजबूत किया जाना चाहिए और बेहतर शैक्षिक माहौल प्रदान किया जाना चाहिए, ताकि अहले सुन्नत के लिए एक बेहतरीन धार्मिक शिक्षा प्रणाली स्थापित की जा सके। यह परीक्षा ग्रामीण धार्मिक शिक्षा प्रणाली के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई, जिसके तहत छात्रों के शैक्षिक प्रयासों की सराहना की गई और शिक्षकों की कड़ी मेहनत को मान्यता दी गई।