प्रशासन द्वारा 10 साल पुराने ट्रैक्टर उठाने से किसानों में डर का माहौल।

एनपीटी दिल्ली ब्यूरो
दिल्ली। प्रशासन द्वारा दिल्ली देहात में 10 साल पुराने ट्रैक्टर उठाने से एक डर और भ्रम का माहौल बनने की वजह से किसानों में गुस्सा और आक्रोश है, इस वजह से सरकार के प्रति भी किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है ।
दिल्ली देहात के रावता गालिब पर ईसापुर गांव के किसानों का साफ कहना है कि अगर सरकार ने ट्रैक्टरों को उठाने की कार्रवाई पर तुरंत रोक नहीं लगाई और खेती किसानी में प्रयोग के लिए ट्रैक्टरों को व्यावसायिक श्रेणी से बाहर नहीं किया तो दिल्ली देहात के किसान आंदोलन करने के लिए तैयार है। जय किसान आंदोलन और दिल्ली देहात मोर्चा के सदस्य देवेंद्र डागर ने सरकार को चेताया कि गांव के लाल डोरे के अंदर घुसकर अगर किसी वाहन को घर और घर के सामने गलियों से उठाया गया तो उस दस्ते का विरोध किया जाएगा और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करवाने के उद्देश्य से पुलिस को सूचित किया जाएगा।
जय किसान आंदोलन के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और दिल्ली देहात मोर्चा के संस्थापक किसान नेता राजीव यादव ने कहा कि किसान वर्ग से बडा कोई दूसरा वर्ग पर्यावरण का हितैषी नहीं है और सरकार किसान वर्ग को प्रदूषण फैलाने का कारक बताकर किसानों को बदनाम कर रही है जिसको हम किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे । किसान नेता ने कहा कि किसान देश का अन्नदाता है और किसान ही अपनी मेहनत से देश की सरकार के भंडार भरता है जिसकी वजह से सरकार अपनी पीठ थपथपाकर बड़े बड़े दावे करती है।
सरकार 10 साल पुराने ट्रैक्टर पर रोक लगाने और उनको उठाने के तुगलकी फरमान को तुरंत वापिस लिया जाए वर्ना दिल्ली देहात के किसान सविनय अवज्ञा आंदोलन चलाने के लिए विवश होंगे ।