बिहार

महापुरुषों की उपेक्षा व अपमान करना बंद करें प्रशासन विरासत बचाओ संघर्ष परिषद ने मशाल जुलूस के साथ निकाला आक्रोश मार्च

एनपीटी बिहार ब्यूरो

औरंगाबाद। विरासत बचाओ संघर्ष परिषद के बैनर तले गुरुवार की शाम मशाल जुलूस के साथ आक्रोश मार्च निकाला गया। हजारों की संख्या में लोग मशाल लेकर शहर के गांधी मैदान से रमेश चौक तक पहुंचे और जिला प्रशासन के खिलाफ़ जमकर नारेबाज़ी की। वक्ताओं ने कहा कि हमारे महापुरुषों को उपेक्षित और अपमानित करना बंद करों। पूर्व मंत्री रामबिलास बाबू के आदम कद प्रतिमा को नगर थाना में कैद करवाने वाले दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करो और अविलंब प्रतिमा मुक्त कर पुर्नस्थापित करों। ये मशाल जुलूस के साथ आक्रोश मार्च तो आग़ाज़ हैं, अंजाम अभी बाकी हैं।

परिषद के संरक्षक व ओबरा विधायक ऋषि कुमार ने कहा कि महापुरुषों को जातियों और धर्मों के बंधन में नहीं बांधा जा सकता है। महापुरुष पूरे समाज को रास्ते दिखाते हैं, प्रेरणा देते हैं।

महापुरुषों का अपमान या उपेक्षा किसी भी कीमत पर बर्दास्त नहीं किया जाएगा। पूर्व मंत्री रामबिलास बाबू के मामले में अल्टीमेटम का समय खत्म हो गया, जिस रूप में हो सका हमने प्रशासन से आग्रह किया। जिला प्रशासन अविलंब रामबिलास बाबू की आदम कद प्रतिमा पुनर्स्थापित करें अन्यथा बिहार विधानसभा में इस मामले को उठाने का काम करेंगे।

परिषद के अध्यक्ष सतेंद्र यादव ने कहा कि सुनियोजित तरीके से हमारे महापुरुषों को अपमानित किया जा रहा हैं। आज जिला मुख्यालय में लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल और शहीद जगतपति कुमार की प्रतिमा लगाई गई है लेकिन सरकारी स्तर से देख रेख के अभाव में उपेक्षित हैं। वहीं जिला परिषद की ज़मीन पर महान स्वतंत्रता सेनानी कुमार बद्री नारायण सिंह के नाम से मार्केट का नामकरण किया गया लेकिन आज तक उनकी प्रतिमा नहीं लगी। जिला परिषद सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित कर बद्री बाबू की आदम कद प्रतिमा लगाएं। इसके अलावा शहीद भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉक्टर आंबेडकर, मिसाइल मैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, बिहार लेनिन जगदेव प्रसाद एवं समाजवादी नेता व पूर्व विधायक महावीर प्रसाद अकेला जैसे महापुरुषों का आदम कद प्रतिमाएं लगाएं जाएं।

महासचिव राधे प्रसाद, सचिव संतोष कुमार एवं प्रवक्ता संजीत कुमार ने कहा कि शहर में कई महापुरुषों की प्रतिमाएं लगी है जिसमें कई प्रतिमाओं का प्रशासनिक अनुमति नहीं हैं। हम उनका विरोध नहीं कर रहे हैं।क्योंकि महापुरुषों की कोई जाति नहीं होती हैं। उनके योगदानों को जाति आधारित संदर्भित नहीं किया जा सकता है। लेकिन रामबिलास बाबू की प्रतिमा को प्रशासन अवैध बताकर आखिर क्यों नगर थाना में कैद क्यों रखी है, उसे अविलंब पुनर्स्थापित करें।

इस दौरान पूर्व विधायक सोम प्रकाश यादव, परिषद के उपाध्यक्ष प्रशांत सिंह राठौर, महासचिव राधे प्रसाद, सचिव संतोष कुमार, जिला परिषद् शंकर यादव, संजीत कुमार सहित सैकड़ो लोग मौजूद रहे।

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