मैट्रिक परीक्षा पेपर लीक मामले का जांच करेगा कौन? एसआईटी या फिर सीआईडी?

एनपीटी झारखण्ड ब्यूरो,
झारखण्ड एकेडमिक काउंसिल (जैक) बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा में पेपर लीक मामला तेज है। हर दिन इस मामले से जुड़े नये-नये मोड़ प्रकाश में आ रहा है। मामले में पुलिस ने अब तक 5 लोगों को हिरासत में लिया है। गिरिडीह जिले से 2 शिक्षक और 2 छात्रों को पकड़ा गया है, जबकि मधुपुर से प्रिंस कुमार को हिरासत में लिया गया है। प्रिंस का भाई एक कोचिंग सेन्टर चलाता है। वही प्रशासन की तरफ से पेपर लीक और अब तक की जांच रिपोर्ट स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को भेज दी है। शिक्षा विभाग इस मामले की जांच के लिए एसआईटी (विशेष जांच दल) या सीआईडी (अपराध जांच विभाग) को नियुक्त करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसे शिक्षा मंत्री की मंजूरी के बाद गृह विभाग को भेजा जायेगा। मुख्यमंत्री की सहमति मिलने के बाद एसआईटी या सीआईडी जांच शुरू करेगी। अभी तक की जांच काफी उलझी हुई है। पेपर लीक कैसे और कहां से हुआ, यह अभी तक साफ नहीं हो पाया है। हालांकि ये जरूर सामने आया है कि 20 फरवरी को विज्ञान विषय की परीक्षा हुई थी, लेकिन इसका प्रश्न पत्र 18 फरवरी की रात को ही वायरल हो गया था। वायरल हुए प्रश्न पत्र की तुलना जैक के असली प्रश्न पत्र से की गई, तो दोनों पूरी तरह मेल खा गये। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जैक ने कोडरमा, गिरिडीह और गढ़वा जिलों के उपायुक्तों को पत्र लिखकर जांच के निर्देश दिये थे। इन जिलों में सबसे पहले पेपर लीक की सूचना मिली थी। जांच के कई मोड़ सामने आने के बाद एसआईटी बनाने की जरूरत इसलिए महसूस की जा रही है, क्योंकि पेपर लीक के मामले कई जिलों में सामने आये हैं। जिला स्तर पर जांच चल रही है, लेकिन अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि पेपर कहां और कैसे लीक हुआ। एसआईटी या सीआईडी के जरिए पूरे राज्य में एक ही एजेंसी द्वारा बेहतर और प्रभावी जांच हो सकेगी। पुलिस लगातार इस मामले में कारवाई कर रही है। गिरिडीह और कोडरमा में संदिग्ध लोगों से पूछताछ जारी है। जिला स्तर पर जांच के लिए विशेष टीम बनाई गई है। गिरिडीह में पकड़े गए दो शिक्षकों में उत्क्रमित मध्य विद्यालय, हाड़ोडीह के पारा शिक्षक मोहन कुमार वर्मा शामिल हैं, जो एक कोचिंग सेन्टर में पढ़ाते हैं। उनके साथ एक निजी विद्यालय के शिक्षक टिंकू निगम को भी हिरासत में लिया गया है। मधुपुर से पकड़े गये प्रिंस कुमार को कोडरमा में चल रही जांच के सिलसिले में हिरासत में लिया गया है। वह मूल रूप से चतरा का रहने वाला है और देवघर में अपने मामा के यहां रहकर पोल्ट्री फार्म चलाता है। हालांकि, प्रिंस की गिरफ्तारी की आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है। सोशल मीडिया पर फर्जी प्रश्न पत्र वायरल करने के मामले में भी जैक ने कदम उठाया है। जैक अध्यक्ष ने सभी जिलों के उपायुक्तों को पत्र लिखकर ऐसे यूट्यूब चैनलों और व्हाट्सऐप ग्रुप्स की पहचान करने और उन पर प्रतिबंध लगाने को कहा है, जो फर्जी प्रश्न पत्र शेयर कर परीक्षा की गरिमा को नुकसान पहुंचा रहे हैं। जैक ने जैक अपडेट सर और शिक्षा लैब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का नाम भी अपनी शिकायत में दिया है। जिलों को इस मामले में उठाए गये कदमों की जानकारी जैक को देने को कहा गया है।