पाकुड़

विद्यालय ग्राउंड की मिट्टी भराई सह- समतलीकरण की है जरूरत

एनपीटी पाकुड़ ब्यूरो,

पाकुड़ (झा०खं०), झारखण्ड सरकार की बहुद्देशीय आयाम स्थापना की थीम में शामिल झारखण्ड मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय के तहत पठन- पाठन की अनुकूल वातावरण का समायोजन करने के ध्यानार्थ जिला पाकुड़ के राज प्लस टू विद्यालय को डिस्ट्रिक्ट सीएम स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस पाकुड़ के रूप में विकसित किया गया और पठन- पाठन की बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध भी की गई। मगर 2024-25 सेशन के विद्यार्थियों को कई अवयवों का सामना करना पड़ा। लोकसभा और विधानसभा चुनाव अन्य को ले डिस्ट्रिक्ट सीएम स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस पाकुड़ में कई कार्यक्रम समय-समय पर होते रहे, जिससे विद्यार्थियों को अधिकतर अवधि तक अपने घर में ही पढ़ाई/ परीक्षा की तैयारी करना पड़ा। मगर अल्प समय अवधि में ही उपायुक्त मनीष कुमार के द्वारा पहली बार आरम्भ की गई प्रोजेक्ट पारख/ प्रोजेक्ट प्रयास/ हुनर से हुनर तक का सफर (योजना) काफी हद तक छात्र- छात्राओं के लिए सार्थक प्रयास रहा। गौरतलब हो कि पाकुड़ के०के०एम० कॉलेज कालेज में बहुद्देशीय परीक्षा प्रोशाल बना हुआ है और बहुत सारे कार्यक्रम भी आयोजित होती रहती है। ऐसे में सीएम स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस की लक्ष्य को हासिल करने के मद्देनजर यदि डिस्ट्रिक्ट सीएम स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस पाकुड़ में पठन- पाठन के अलावे अन्य किसी सरकारी जरूरी कार्यक्रम चाहे प्रशिक्षण हो या फिर कार्यशाला इत्यादि हेतु डिस्ट्रिक्ट सीएम स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस पाकुड़ को सेन्टर/ केन्द्र बनाने के बजाय पाकुड़ के०के०एम० कॉलेज में अवस्थित बहुद्देशीय परीक्षा प्रोशाल को ही सेन्टर/ केन्द्र बनाया जाए तो शायद डिस्ट्रिक्ट सीएम स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस पाकुड़ के विद्यार्थियों के लिए सौभाग्य होगा। विद्यार्थियों के हृदय में लगातार विद्यालय आने की उमंग/ रुचियां पनपने के साथ-साथ पठन- पाठन भी माकूल वातावरण में होता रहेगा। वही विद्यालय में मौजूद ग्राउंड को समतलीकरण करने हेतु मिट्टी भराई का कार्य बेहद जरूरी है। ताकि ग्राउंड को खेल जुड़े सभी आयाम स्थापित की जा सके एवं बच्चे खेल सके। जिसके लिए पाकुड़ शिक्षा विभाग समेत जिला प्रशासन को संज्ञान में लेना लाजमी है। वही विद्यालय में लाइटिंग व्यवस्था के साथ- साथ शुद्ध पेयजल आपूर्ति की सुव्यवस्थित अवयव स्थापित करने की जरूरत है। ताकि लाइटिंग व्यवस्था सुदृढ़ होने के साथ-साथ पढ़ने वाले विद्यार्थियों को पीने योग्य पानी भी उपलब्ध हो सके। बताया जा रहा है कि उक्त विद्यालय में मौजूद चापानल की पानी पीने योग्य नहीं है। ऐसे में और अधिक जिम्मेवारी अपने आप प्रकट हो रही है कि यथाशीघ्र पीने योग्य पानी की व्यवस्था करने पर प्रशासन की आवश्यक पहल होनी चाहिए।

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