बहराइच

भक्ति में बड़ी शक्ति होती है-आचार्य गोपाल शरण शास्त्री

एनपीटी बहराइच ब्यूरो

महसी (बहराइच)। तहसील महसी के ग्राम पंचायत वीरशाहपुर के मजरा एडौरा स्थित ब्रह्मचारी हनुमान मंदिर परिसर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन काशी विश्वनाथ की नगरी बनारस से पधारे प्रवाचक गोपाल शरण शास्त्री महाराज ने भक्त ध्रुव के चरित्र की कथा सुनाते हुए कहा कि अवधपुरी के राजा उत्तानपद थे जिनकी शादी सुनीति से हुई थी। शादी के कई साल बीत गए लेकिन उनको कोई संतान नहीं हुई। इस बीच देवर्षि नारद रानी को बताते हैं कि राजा की दूसरी शादी से ही संतान का सुख मिल सकता है। रानी अपनी छोटी बहन सुरुचि की शादी राजा से करवा देती है। कुछ समय बाद दूसरी रानी से एक संतान का जन्म होता है। वहीं कुछ समय बाद बड़ी रानी से भी एक बालक का जन्म होता है।

पांच साल बाद राजा अपने बेटे का जन्मदिन मना रहे थे। उसी बीच बालक ध्रुव भी बच्चों के साथ खेलने लगा। खेलते-खेलते ध्रुव राजा की गोद में बैठ गया। इस बीच छोटी रानी आ जाती हैं और राजा उनसे डरकर ध्रुव को अपनी गोद से ढकेल देते हैं। ध्रुव रोते हुए अपनी मां के पास जाते हैं और पिता द्वारा ढकेले जाने की बात बताते हैं। इस पर उनकी मां ने कहा कि आप उदास न हों वह एक दिन परमपिता परमात्मा की गोद में बैठेंगे। प्रवाचक ने आगे कहा कि ध्रुव की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु उन्हें दर्शन देकर स्वर्ग में स्थायी स्थान देते हैं। आज वही ध्रुव तारा हमें आसमान में दिखाई देता है। कथा के दौरान आयोजक शिव कुमार शुक्ला, लक्ष्मी देवी, दिलीप शुक्ला, देवांश पंडित, मुकेश कुमार, प्रदीप कुमार, अनीता शुक्ला, पल्लवी शुक्ला, रेसु शुक्ला, रोहित मिश्रा, दिनेश मिश्रा, पवन शुक्ला आदि मौजूद रहे। (संवाद)

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button