रांची

JSSC- CGL पेपर लीक मामले में बड़ी कारवाई, झारखण्ड पुलिस के 7 जवान सहित 8 गिरफ्तार, मास्टरमाइंड की तलाश जारी

एनपीटी,

झारखण्ड संयुक्त स्नातक स्तरीय (JSSC CGL) परीक्षा 2024 में कथित पेपर लीक मामले में बड़ी कारवाई की गई है । अपराध अनुसंधान विभाग (CID) ने इस मामले में आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। हैरानी की बात ये है कि गिरफ्तार 8 आरोपियों में 7 पुलिस के जवान हैं। गिरफ्तार आरोपितों में झारखंड पुलिस की इंडियन रिजर्व बटालियन-8 गोड्डा के पांच जवान, असम राइफल का एक जवान, गृह रक्षा वाहिनी का एक जवान व असम राइफल के जवान का भतीजा शामिल है। पेपर लीक मामले का कथित मास्टरमाइंड गोरखपुर का निवासी है, जिसकी तलाश जारी है। दरअसल पिछले साल यानि सितंबर 2024 में राज्यभर में आयोजित JSSC CGL परीक्षा में पेपर लीक की शिकायतें मिली थीं। इसके आधार पर CID ने थाना कांड संख्या-01/2025 के तहत मामला दर्ज किया था। जांच के दौरान यह पता चला कि परीक्षा से पहले ही एक गिरोह ने अभ्यर्थियों को प्रश्नपत्र लीक करने के नाम पर पैसे ऐंठे थे। इस अफवाह से परीक्षार्थियों में भारी चिंता और असंतोष फैल गया। परीक्षा रद्द करने की मांगें उठने लगी थी। हेमन्त सरकार ने इस मामले में जांच सीआईडी को सौंपी थी। सीआईडी जांच में खुलासा हुआ कि इस संगठित गिरोह का मास्टरमाइंड गोरखपुर का रहने वाला है। पकड़े गये आरोपियों में कई पुलिसकर्मी और होमगार्ड के जवान शामिल हैं। इनकी हुई गिरफ्तारी, 1. कुंदन कुमार उर्फ मंटू (औरंगाबाद, बिहार) – IRB-8, गोड्डा में पदस्थापित आरक्षी। 2. रोबिन कुमार (गिरिडीह, झारखंड) – IRB-8, गोड्डा में जवान, वर्तमान में चंदवा लातेहार में तैनात। 3. अखिलेश कुमार (कोडरमा, झारखंड) – IRB-8, गोड्डा में जवान, वर्तमान में चंदवा लातेहार में तैनात। 4. गौरव कुमार (चतरा, झारखंड) – IRB-8, गोड्डा में जवान। 5. अभिलाष कुमार (गिरिडीह, झारखंड) – IRB-8, गोड्डा में जवान, वर्तमान में हेरेंज थाना, लातेहार में तैनात। 6. राम निवास राय (औरंगाबाद, बिहार) – असम राइफल्स का जवान, वर्तमान में लुधियाना, पंजाब में तैनात। 7. निवास कुमार राय (औरंगाबाद, बिहार) – रामगढ़ जिले में होमगार्ड का जवान। 8. कविराज उर्फ मोटू (औरंगाबाद, बिहार) – मास्टरमाइंड राम निवास राय का भतीजा। अभी तक नहीं मिले पेपर लीक के पुख्ता सबूत CID की जांच में अभी तक JSSC CGL परीक्षा के वास्तविक प्रश्नपत्र के लीक होने के प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं मिले हैं। हालांकि, गिरोह द्वारा परीक्षा से पहले पैसे लेकर पेपर देने की बात सामने आई है। जांच एजेंसियां इस मामले में गहराई से पड़ताल कर रही हैं, जिससे और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है। सीआइडी ने एक जनवरी को प्राथमिकी दर्ज की थी। अनुसंधान के क्रम में पता चला कि परीक्षा के पूर्व ही एक गिरोह के सदस्यों ने अभ्यर्थियों को सीजीएल के प्रश्नों को देने के नाम पर धन की उगाही की है। इसमें आमजन में सीजीएल प्रश्न पत्र लीक के संबंध में अफवाह व सुगबुगाहट शुरू हो गई थी। अनुसंधान के क्रम में ही यह खुलासा हुआ है कि इस गिरोह का तथाकथित सरगना गोरखपुर का निवासी है। इसके बाद ही इस कांड के अप्राथमिकी आठ अभियुक्तों को सीआइडी ने सोमवार को गिरफ्तार किया। हालांकि, सीआइडी आगे यह भी कहती है कि अब तक प्रत्यक्ष एवं भौतिक रूप से सीजीएल पेपर के मूल प्रश्न पत्र लीक होने के साक्ष्य नहीं मिले हैं। कांड में आगे के अनुसंधान जारी है।

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