मृतकों को राशन, जीवितों को आश्वासन

एनपीटी मथुरा ब्यूरो
मथुरा। राशन कार्ड में भी अजब-गजब खेल चल रहे हैं। जिला पूर्ति विभाग के कार्यालय में भागदौड़ करने के बाद भी लोगों के राशन कार्ड नहीं बन रहे हैं, वहीं शासन से मिली सूची में 10,800 लोग ऐसे शामिल हैं, जो मरने के बाद भी हर माह फ्री का राशन उठा रहे हैं। जिले में 18,63,437 लोगों को हर माह खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राशन दिया जा रहा है। इसमें से 10,800 लोगों की मौत हो चुकी है। बावजूद इसके परिजन मृतकों के नाम का भी राशन ले रहे हैं। सरकार की ओर से जारी होने वाले ऑनलाइन मृत्यु प्रमाण पत्र का सार्वजनिक वितरण प्रणाली का एकीकृत प्रबंधन (आईएमपीडीएस) माध्यम से कार्डधारकों का मिलान किया गया तो इसका खुलासा हुआ। अब जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय के यहां से इन मृतकों के नाम हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
जिले की पांच तहसील मथुरा, महावन, मांट, गोवर्धन और छाता निवासी इन मृतकों के नाम हटाने के लिए विभाग के पूर्ति निरीक्षक को जिम्मेदारी दी गई तो उन्होंने मृतक के परिजन के केवाईसी के बाद इनके नाम को हटवाया। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 4 लाख 64 हजार कार्डधारकों के कार्ड में 18 लाख से अधिक यूनिट शामिल हैं। इन्हें हर माह राशन मिल रहा है। उन्होंने बताया कि पात्र गृहस्थी राशन कार्ड पर प्रति यूनिट पांच किलो राशन दिया जाता है। जो लगभग 130 रुपये का बनता है। ऐसे में 10,800 लोग जो मर गए हैं उनके परिजन लगभग 14 लाख रुपये का राशन हर माह डकार रहे थे। पिछले दिनों शासन ने अपात्र और मृतकों का पता करने के लिए कार्डधारकों की ई-केवाईसी अनिवार्य कर दी। विभाग ने अब इस प्रक्रिया को तेज कर दिया है। जिले में 78 प्रतिशत लोगों की ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी हो गई है। जिला पूर्ति अधिकारी सतीश कुमार मिश्रा ने बताया कि मृतकों के नाम कार्ड से हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। लगातार ई-केवाईसी करने के निर्देश दिए गए हैं।