पाकुड़

जागरूकता कार्यक्रम में माहवारी स्वच्छता के प्रति की गई जागरूक

नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो,

पाकुड़+झा०खं०), विश्व मासिक स्वच्छता दिवस को लेकर समाज कल्याण विभाग द्वारा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन हुआ। वही जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम से महिलाओं और किशोरियों को माहवारी स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया, जिससे वे अपने स्वास्थ्य का बेहतर ध्यान रख सके। वही इस वर्ष का थीम “Coming Together For Period Friendly World” रखा गया है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं अभियान के अन्तर्गत विश्व मासिक स्वच्छता दिवस कार्यक्रम प्रखण्ड एवं आंगनबाड़ी केन्द्र स्तर पर आयोजित किया गया। उक्त कार्यक्रम के अन्तर्गत आंगनबाड़ी केन्द्र स्तर पर किशोरियों के बीच मासिक धर्म के बारे में जागरूकता बढाने एवं मासिक धर्म स्वच्छता से जुडी भ्रांतियों को दूर करने के उद्देश्य से विभिन्न गतिविधियों का आयोजन भी किया गया। इस कार्यक्रम में बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, महिला पर्यवेक्षिका, आंगनबाडी सेविका/सहायिका, ग्रामीण महिलायें एवं किशोरियों ने भाग लिया। इस जागरूकता कार्यक्रम में माहवारी स्वच्छता प्रबंधन के उद्देश्य,माहवारी से जुड़े तथ्य, सुरक्षित माहवारी न होने के दुष्प्रभाव तथा बीमारी और संक्रमण का खतरा, किशोरी और महिलाओं के लिए माहवारी संबंधी चुनौतियां समेत विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी दी गई। इस दौरान बताया गया कि माहवारी स्वच्छता प्रबंधन कैसे स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही किशोरी, बालिकाओं तथा महिलाओं के साथ लिंग भेद से होने वाले सामाजिक दुष्परिणाम एवं माहवारी स्वच्छता प्रबंधन और लैंगिक समानता पर चर्चा की गई तथा सेनेटरी पैड और हाइजिन किट का वितरण किया गया। जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती बसंती ग्लाडिस बाड़ा* ने कहा कि महिलाओं को मेंस्ट्रुएशन यानी माहवारी के दौरान स्वच्छता बरतने को लेकर जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल दुनियाभर में 28 मई को माहवारी स्वच्छता दिवस (मेंस्ट्रुएशन हाईजीन डे) मनाया जाता है। इसको मनाने के पीछे का उद्देश्य लड़कियों या महिलाओं को पीरियड्स यानी महीने के उन पांच दिनों में स्वच्छता और सुरक्षा के लिए जागरूक करना तथा समुदाय में माहवारी स्वच्छता को बढ़ावा देना है। इस तरह के कार्यक्रम से महिलाओं और किशोरियों को माहवारी स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया, जिससे वे अपने स्वास्थ्य का बेहतर ध्यान रख सकें। इसके अलावा किशोरी और महिला के लिए माहवारी के दौरान रक्त को अवशोषित करने के लिए स्वच्छ और साफ़ अवशोषक (सेनेटरी पैड, सूती कपडा, तक पहुंच, संस्थान एवं समुदाय स्तर पर इसकी उपलब्धता में नियमितत्ता, साथ ही जितनी बार आवश्यक हो, गोपनीयता में बदलने हेतु व्यव (शौचालय), शारीरिक साफ सफाई हेतु जानकारी, हाथ धोने के लिए जल और साबुन की उपलब्धता तथा इस्तेमाल किये गए अवशोष सुरक्षित निपटान की सुविधाओं तक पहुंच, यह सभी मुख्य रूप से होना आवश्यक है।
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