झारखंड

मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाने की भुमिका में रही आईपीएस अधिकारी का झारखण्ड से क्या है ताल्लुक़ात

एनपीटी,

चर्चित 2008 मुंबई हमले का आरोपी रहे तहव्वुर हुसैन राणा (Tahawwur Rana) को अमेरिका से भारत विशेष विमान के जरिए गुरुवार को ही ले आया गया है। उसे अमेरिका से भारत लाने मे  झारखण्ड कैडर के दो आईपीएस अधिकारी आशीष बत्रा और जया रॉय  की बड़ी भूमिका रही है। गौरतलब हो कि ये दोनों अधिकारी वर्तमान में केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति के जरिए  एनआईए के लिए अपनी सेवा दे रहे हैं। आशीष  बत्रा  फिलहाल आईजी रैंक के अधिकारी  हैं, जबकि जया रॉय डीआईजी रैंक की जिम्मेवारी संभाल  रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तहव्वुर राणा  को  लाने के लिए एनआईए की टीम रविवार को ही अमेरिका पहुंची थी। इन दोनों अधिकारियों ने ही इस मिशन का नेतृत्व किया। विगत 26 नवंबर 2008 को, दस पाकिस्तानी आतंकवादियों ने मुंबई में हमले किए. जिसमें होटल ताज सहित कई स्थानों को निशाना बनाया गया। इस हमले में छह अमेरिकियों सहित 166 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हो गये थे। इस हमले के लिए जगहों की रेकी तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) ने ही की थी की इल्जाम है। वही झारखण्ड कैडर के 1997 बैच के IPS अधिकारी आशीष बत्रा वर्तमान में एनआईए में IG के रूप में कार्यरत हैं। उन्हें 2019 में पांच साल के कार्यकाल अवधि के लिए एजेंसी में प्रतिनियुक्त किया गया था, जिसे गृह मंत्रालय द्वारा 15 सितंबर, 2024 तक दो साल के लिए बढ़ा दिया गया है। एनआईए में शामिल होने से पहले बत्रा 20 जनवरी 2018 से उग्रवाद विरोधी यूनिट झारखण्ड जगुआर के आईजी थे। उन्होंने झारखण्ड पुलिस के प्रवक्ता के रूप में भी काम किया है और आईजी अभियान के रूप में अतिरिक्त कर्तव्यों का निर्वहन किया है। आशीष बत्रा 19 महीने तक रांची में सिटी एसपी भी रह चुके हैं। जबकि झारखण्ड कैडर की 2011 बैच की आईपीएस अधिकारी जया रॉय वर्तमान में एनआईए में डीआईजी के पद पर कार्यरत हैं। उन्हें 2019 में चार साल के कार्यकाल के लिए पुलिस अधीक्षक के रूप में एजेंसी में प्रतिनियुक्त किया गया था, जिसे बाद में बढ़ा दिया गया है। जया रॉय को जामताड़ा में साइबर अपराधियों पर नकेल कसने वाली टीम का नेतृत्व करने के लिए जाना जाता है। आईपीएस अधिकारी जया रॉय झारखण्ड के कई जिलों में एसपी के पद पर काम कर चुकी है। यानी झारखण्ड में आईपीएस अधिकारी के रूप में कार्यरत रहे दोनो अधिकारी का झारखण्ड से काम के सिलसिले में पुरानी ताल्लुक़ात रहा है।

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Nurul Islam

PRABHARI (MANDAL)

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