अमरोहा में नाबालिग बता रुकवाई शादी।

एनपीटी अमरोहा ब्यूरो
अमरोहा। पचास हजार रुपये की रिश्वत न देने पर शादी के दिन ही किसान की बालिग बहन को नाबालिग बताकर जिला प्रोबेशन अधिकारी और उनके कर्मचारियों ने शादी रुकवा दी। आरोप है कि युवती को बिना बाल कल्याण समिति में पेश किए वन स्टॉप सेंटर भेज दिया था। मामले में कोर्ट ने जिला प्रोबेशन अधिकारी और उनके सात कर्मचारियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने यह जांच डीएम को सौंपी है। कोर्ट ने डीएम को पांच मई तक रिपोर्ट देने को कहा है।
मामला हसनपुर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव का है। गांव निवासी किसान ने बताया कि पांच मार्च 2025 उनकी बहन की शादी थी। घर पर बरात आ गई थी। इस दौरान शादी समारोह पर कर्मचारी सुरभि यादव, आदिल, गजेंद्र, शाहबाजपुर गुर्जर के रहने वाले कपिल, सिरसा गुर्जर के रहने वाले अशोक, मनोज, वीरू व एक अज्ञात व्यक्ति पहुंचे और किसान की 21 वर्षीय बहन को नाबालिग बताया। किसान ने आधार कार्ड के हिसाब से अपनी बहन को बालिग बताया तो सभी लोग धमकाने लगे। इसके बाद इन लोगों ने 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। किसान ने रुपये देने से इन्कार कर दिया तो सभी लोग उसकी बहन को शादी के मंडप से उठाकर ले गए थे। आरोप है कि उक्त लोगों ने बिना बाल कल्याण समिति में पेश किए है युवती को वन स्टॉप सेंटर में भेज दिया। हालांकि, बाद में युवती परिजनों के साथ चली गई व मंडप से लाने के दूसरे दिन बाल कल्याण समिति में पेश की गई थी। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अतुलेश भारद्वाज ने बताया कि टीम जिस समय युवती को लेकर पहुंची थी तब तक कार्यालय बंद हो गया था। इसके बाद टीम ने अगले दिन युवती को समिति के सामने पेश किया। परिजनों द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों के आधार पर युवती को उनके सुपुर्द कर दिया गया था।
बिना दुल्हन ही बारात लौट गई थी ।