हरित क्रांति का नया अध्याय: हरित प्राण ट्रस्ट बड़ौत का अद्वितीय प्रयास

एनपीटी बागपत ब्यूरो
बड़ौत/बागपत : आज जब दुनिया जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संकट की गंभीर चुनौतियों से जूझ रही है, तब कुछ ऐसे प्रेरक व्यक्तित्व और संगठन सामने आते हैं, जो अपने छोटे-छोटे प्रयासों से बड़े बदलाव की कहानी लिखते हैं।
बड़ौत स्थित हरित प्राण ट्रस्ट भी ऐसी ही एक अनूठी पहल का उदाहरण है। इस ट्रस्ट ने कुछ ही दिनों में लगभग 1 लाख 20 हजार पेड़ लगाकर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक कार्य किया है।
हरित प्राण का संदेश:
“साँसें हो रही कम,
आओ पेड़ लगाएँ हम।”
यह सिर्फ एक स्लोगन नहीं, बल्कि एक जीवन मंत्र बन चुका है, जिसे हरित प्राण ट्रस्ट पूरे समर्पण के साथ समाज तक पहुँचा रहा है।
एक डॉक्टर का हरियाली के प्रति समर्पण
इस मुहिम का नेतृत्व कर रहे हैं डॉ दिनेश बंसल, जो एक प्रतिष्ठित सर्जन हैं।
अपने व्यस्त चिकित्सा पेशे के बावजूद, वे पर्यावरण संरक्षण को भी अपनी सामाजिक जिम्मेदारी मानते हैं। मरीजों का इलाज करते समय भी वे हर अवसर को हरियाली बढ़ाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।
डॉ दिनेश बंसल ने एक विशेष परंपरा शुरू की है:
जब भी वे किसी मरीज की डेली ओपीडी करते हैं या
किसी भर्ती मरीज को डिस्चार्ज करते हैं,
तो वे उन्हें एक पेड़ का पौधा उपहार स्वरूप भेंट करते हैं।
यह पौधा न केवल एक स्वास्थ्य का प्रतीक बन जाता है, बल्कि मरीजों के जीवन से भी स्थायी रूप से जुड़ जाता है। इस पहल के जरिए वे स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों को जोड़ने का शानदार संदेश दे रहे हैं।
अनोखी सोच: पेड़-पौधों के लिए एम्बुलेंस सेवा
डॉ दिनेश बंसल का मानना है कि जैसे मनुष्य दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं, वैसे ही पेड़-पौधे भी मौसम, दुर्घटना या मानवीय गतिविधियों के कारण क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।
इसी सोच से प्रेरित होकर उन्होंने एक अनूठी सेवा शुरू की है — पेड़-पौधों के इलाज के लिए एम्बुलेंस सेवा।
पेड़ की किसी भी समस्या की सूचना मिलने पर यह एम्बुलेंस तुरंत घटनास्थल पर पहुँचती है और बिल्कुल निःशुल्क उपचार करती है।
इस सेवा के अंतर्गत पेड़ों की कटाई रोकना, टूटे हुए हिस्सों का उपचार करना, कीट नियंत्रण करना और उचित देखभाल की सलाह देना शामिल है।
यह प्रयास समाज में पेड़-पौधों के प्रति सहानुभूति और जिम्मेदारी का भाव जाग्रत कर रहा है।
डॉ नीलम बंसल: सशक्त प्रेरणा और सहयोग
इस अभियान के पीछे एक और मजबूत स्तंभ हैं — डॉ नीलम बंसल।
डॉ नीलम बंसल, एक वरिष्ठ चिकित्सक हैं, जो एमडी (मेडिसिन) और डीएम (क्रिटिकल केयर/मेडिकल इंटेंसिव केयर) में विशेषज्ञता रखती हैं। वे चिकित्सा क्षेत्र में अपने उच्च स्तर के ज्ञान और अनुभव के लिए जानी जाती हैं।
डॉ दिनेश बंसल स्वयं स्वीकार करते हैं कि डॉ नीलम बंसल का मार्गदर्शन, समर्थन और प्रेरणा ही इस अभियान की असली ताकत है।
वे न केवल पर्यावरणीय अभियानों की योजनाओं में सक्रिय भूमिका निभाती हैं, बल्कि अस्पताल में भी मरीजों और उनके परिवारों को स्वास्थ्य के साथ-साथ प्रकृति से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।
डॉ नीलम बंसल की सोच है कि,
“स्वस्थ जीवन केवल शरीर से नहीं, बल्कि स्वस्थ पर्यावरण से भी संभव है। अगर हम प्रकृति की सेवा करेंगे, तो प्रकृति भी हमें स्वास्थ्य का उपहार देगी।”
उनकी यह दृष्टि हरित प्राण ट्रस्ट की गतिविधियों का आधार बन गई है।
हरित प्राण ट्रस्ट का संदेश
हरित प्राण ट्रस्ट का मूल विश्वास है कि:
एक पेड़ = एक जीवन।
पेड़ों के जीवन की रक्षा भी हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।
प्रकृति को सहारा देना, स्वयं के भविष्य को सहारा देना है।
वे समाज से अपील करते हैं कि हर व्यक्ति कम से कम एक पेड़ अवश्य लगाए और उसकी पूरी जिम्मेदारी से देखभाल करे।
पेड़ लगाने के बाद उसकी रक्षा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है, जितनी कि किसी जीवन की रक्षा करना।
हरित प्राण ट्रस्ट, डॉ दिनेश बंसल और डॉ नीलम बंसल के प्रयास एक मिसाल हैं कि इच्छाशक्ति, सेवा-भावना और सही दिशा में काम किया जाए तो समाज में असंभव दिखने वाले कार्य भी संभव हो सकते हैं।
पेड़ लगाना केवल धरती को हरा करना नहीं, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए साँसों की गारंटी देना है।
“आइए, हम सब मिलकर
प्रकृति से अपना ऋण चुकाएँ,
पेड़ लगाएँ, जीवन बचाएँ।”