लातेहार झारखंड का पहला जिला होगा, जहां सॉलिड एवं लिक्विड रिसोर्स मै नेजमेंट कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है- मंत्री योगेंद्र प्रसाद

एनपीटी झारखंड ब्यूरो,
लातेहार (झा०खं०), टाउन हॉल परिसर मे स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत सॉलिड एवं लिक्विड रिसोर्स मैनेजमेंट के तहत दस दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ मंत्री योगेंद्र प्रसाद, डायरेक्टर डॉ. नेहा अरोड़ा, परियोजना निदेशक सी. श्रीनिवासन एवं उपायुक्त लातेहार उत्कर्ष गुप्ता द्वारा सामूहिक रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। प्रशिक्षण मे उपस्थित जलसहिया, मास्टर ट्रेनरों को मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि लातेहार झारखण्ड का पहला जिला होगा, जहां सॉलिड एवं लिक्विड रिसोर्स मैनेजमेंट (एसएलआरएम) कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार हर संभव सहयोग प्रदान करेगी। मंत्री ने यह भी घोषणा की कि वे 45-50 दिनों के भीतर लातेहार दोबारा आएंगे और इस कार्यक्रम की प्रगति को देखेंगे। वही प्रशिक्षण कार्यक्रम में पर्यावरण विशेषज्ञ सी. श्रीनिवासन ने अपशिष्ट प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर व्यापक प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि उद्यान अपशिष्ट, मछली बाजार अपशिष्ट, सब्जी अपशिष्ट आदि का प्राथमिक पृथक्करण स्रोत पर और द्वितीयक पृथक्करण एसएलआरएम केन्द्रों पर किया जाता है। जबकि तृतीयक पृथक्करण एक सामान्य केंद्र पर होता है। प्रधान सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, मस्त राम मीणा ने कहा कि आज के समय में पर्यावरण संरक्षण हेतु ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन की तकनीकों को अपनाना अनिवार्य है। उन्होंने हरित एवं स्वच्छ झारखण्ड के लक्ष्य को साकार करने के लिए कचरा प्रबंधन की आधुनिक प्रक्रिया अपनाने पर बल दिया। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए स्वच्छ भारत मिशन की निदेशक डॉ. नेहा अरोड़ा ने कहा कि लातेहार जिला पूरे राज्य के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। उन्होंने कहा कि लातेहार, एक विकसित पर्यटन स्थल के रूप में पहचाना जाता है, और ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन आज की आवश्यकता बन गई है। इससे लातेहार जिला स्वच्छ और सुंदर बनेगा। डॉ. अरोड़ा ने विश्वास जताया कि अगले एक वर्ष में लातेहार स्वच्छता के सभी मानदंडों को पूरा कर 5- स्टार जिला” के रूप में विकसित होगा। उन्होंने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता ने जिले को शून्य-अपशिष्ट बनाने के लक्ष्य पर बल दिया। कहा कि इस अभियान के तहत जिले को एक स्वच्छ, हरा-भरा और कचरा मुक्त क्षेत्र बनाने का प्रयास किया जा रहा है। कचरे के उचित प्रबंधन से पर्यावरण प्रदूषण की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे जिले में स्वच्छता के साथ-साथ सतत विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। 10 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले के सभी पंचायतों से 230 जलसहिया एवं नगर पंचायत की 60 एसएचजी महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। ये प्रशिक्षु मास्टर ट्रेनर के रूप में अपने-अपने क्षेत्रों में अन्य लोगों को भी प्रशिक्षित करेंगे, जिससे यह कार्यक्रम जमीनी स्तर तक प्रभावी रूप से लागू हो सके। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव, डिप्टी डायरेक्टर पीटीआर ब्रजेश कांत जेना, उप विकास आयुक्त सुरजीत कुमार सिंह, परियोजना निदेशक आईटीडीए प्रवीण कुमार गगरई, अपर समाहर्ता रामा रविदास, जिला परिवहन पदाधिकारी सुरेन्द्र कुमार, अनुमण्डल पदाधिकारी अजय कुमार रजक, जिला आपूर्ति पदाधिकारी रश्मि लकड़ा, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अलका हेम्ब्रम, उपनिर्वाचन पदाधिकारी मेरी मड़की, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. चंदन, कार्यपालक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता दीपक महतो, गोपनीय पदाधिकारी श्रेयांस सहित अन्य उपस्थित थे। इससे पूर्व उपायुक्त लातेहार ने मंत्री को स्मृति चिन्ह व शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया। वही झारखंड सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता, उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के प्रधान सचिव श्री मस्त राम मीणा, स्वच्छ भारत मिशन की डायरेक्टर डॉ. नेहा अरोड़ा तथा भारतीय हरित सेवा के परियोजना निदेशक एवं सलाहकार सी. श्रीनिवासन का पौधा देकर स्वागत किया गया।