नगर निगम में घोटालों की जांच में भी घोटाले की आशंका

एनपीटी बरेली ब्यूरो
बरेली। नगर निगम में घपलेबाजी के कई मामलों की जांच बिना कार्रवाई के निपट गई। कुछ दिन मामला गर्म रहने के बाद ठंडे बस्ते में फाइलें चली जाती हैं। इस समय उद्यान विभाग की ओर से दिए गए ब्लैक लिस्टेड फर्म को सवा पांच करोड़ के टेंडर की जांच भी नतीजा और बेनतीजा में उलझी है। बताते चलें कि स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी से 2020 में ब्लैक लिस्ट हुई आगरा की परमार कंस्ट्रक्शन को नगर निगम के उद्यान विभाग में डिवाइडर, पार्क आदि स्थानों पर लगे पौधों की देखभाल, सिंचाई आदि का करीब सवा पांच करोड़ का टेंडर मिलने की जांच हो ही रही है।
नगर आयुक्त ने पांच दिन में जांच पूरी करने का निर्देश दिया था जो पूरा होने वाला है। जांच जिस तरह से की जा रही है उससे नगर निगम में चर्चा है कि पिछली कई जांचों की तरह हाल होगा। नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
यह जांचें खानापूरी में निपट गईं
जनवरी में पांच सौ क्विंटल चूने की खरीद में गड़बड़ी सामने आई। चूने की जगह कट्टों में खड़िया भेज दी गई थी। भाजपा पार्षद शालिनी जौहरी की शिकायत पर नगर आयुक्त ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी को जांच सौंपी। प्रथम दृष्टया चूने की क्वालिटी घटिया पाए जाने पर संबंधित फर्म को नोटिस जारी किया गया है। आगे की कार्रवाई बस यह हुई कि पुराने माल को वापस कर नया मंगाया गया।
फरवरी में नगर निगम की नई बिल्डिंग की शिकायत पर जांच शुरू हुई थी। लोक निर्माण विभाग, अग्निशमन, स्मार्ट सिटी लिमिटेड, बिजली निगम के अधिकारियों के साथ अपर नगर आयुक्त की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया गया। 15ह दिनों से अधिक समय तक जांच चली। लोक निर्माण विभाग ने कार्य संतोषकजनक बता दिया। इसके बाद काम में तेजी आ गई। कार्रवाई का अता-पता नहीं। दो साल पहले सर्दियों में अलाव जलाने के लिए लकड़ी की आपूर्ति के भुगतान की नगर निगम से 28 फाइलें गायब हो गईं। तत्कालीन अधिशासी अभियंता पर आरोप लगे कि फाइल लेकर चले गए। मामला कुर्मांचल नगर निवासी ठेकेदार अमित कुमार अग्रवाल ने शासन तक पहुंचाया तो दो साल बाद फरवरी 2025 में कोतवाली में अज्ञात पर केस दर्ज कर लिया गया। पर निर्माण विभाग के आफिस से फाइलें कैसे गायब हो गईं। इस मामले पर कार्रवाई नहीं की गई।