कर्मचारियों की कमी से विकास कार्यों की गति धीमी होने की बात से इंकार जिल पं. अध्यक्ष

एनपीटी मुरादाबाद ब्यूरो
मुरादाबाद। सबका साथ, सबका विकास का नारा देने वाली बीजेपी सरकार के निर्णय से मुरादाबाद जिला पंचायत बोर्ड भी अछूता नहीं है। यहां पर कर्मचारियों की कमी से विकास की रफ्तार धीमी हो गई है। हालांकि जिला पंचायत अध्यक्ष अपने बोर्ड की सच्चाई को सिरे से भी नकारती हैं। उनके मुताबिक यहां पर कोई कर्मचारी की कमी नहीं है, जबकि करोड़ों रुपये से विकास करने वाले इस बोर्ड में काम के दबाव के चलते जो कर्मचारी हैं, वह बेहद परेशान हैं। वह अपना दु:ख-दर्द कहें किससे, क्योंकि उनकी कोई सुनने वाला नहीं है।

40 करोड़ के आस-पास रहता है बोर्ड का बजट
मुरादाबाद जिला पंचायत बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 38.99 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया था। यह बजट मुरादाबाद के विकास कार्यों के लिए आवंटित किया गया। इससे पहले, मुरादाबाद जिला पंचायत बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 37.54 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया। इसी तरह वित्तीय वर्ष 2022-23 में, जिला पंचायत बोर्ड ने 37.54 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया। मुरादाबाद जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में, वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में आय और व्यय का ब्योरा भी प्रस्तुत किया गया था।
कभी होते थे 120 कर्मचारी
मुरादाबाद जिला पंचायत से चलने वाले विकास कार्यों को अंजाम देने के लिए कभी यहां पर 120 कर्मचारी होते थे। धीरे-धीरे कर्मचारी रिटायर होते गए। उनकी जगह नई भर्तियां हुई नहीं। कुछ पदों को सरकार ने खत्म कर दिया और कुछ पर लंबे अर्से से सरकार ने भर्ती प्रक्रिया में रोक लगा रखी है। पहले तो बोर्ड को ही भर्ती का पॉवर था, जो अब सरकार की ओर से छीन लिया गया है। इस तरह से भर्ती पहले ऑफलाइन होती थी।
आइए जानते है, क्या बोले जिला पंचायत के कर्मचारी
जब नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो पंचायत के दफ्तर पहुंचे तो वहां पर बताया गया। अपर मुख्य अधिकारी कम ही आते हैं। कर्मचारियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यहां बहुत से पद खाली है और नई भर्ती नहीं की जा रही है। बड़े बाबू अगले महीने रिटायर होने वाले हैं। गिनती के हम पांच लोग हैं। स्टाफ बहुत कम है और काम का दबाव बहुत अधिक है, इस वजह से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिला पंचायत का काम कोई छोटा नहीं है। जिला पंचायत के कर्मचारियों की बातों से लगा कि उनसे ज्यादा काम लिया जा रहा है, जिसके कारण उनमे नाराजगी
क्या बोलीं, जिला पंचायत अध्यक्ष शैफाली सिंह
मुरादाबाद जिला पंचायत बोर्ड की अध्यक्ष शैफाली सिंह से जब बोर्ड की क्रिया-कलाप के बारे में पूछा गया तो बीजेपी बोर्ड का बचाव करते हुए यहां तक कह डाला कि जिला पंचायत मुरादाबाद बोर्ड में कोई पद रिक्त नहीं है। सभी पद भरे हुए हैं और सभी काम समय से पूरे किये जा रहे है। बहरहाल सच्चाई क्या यह तो वहां काम करने वाले कर्मचारी और जिला पंचायत अध्यक्ष ही बेहतर जानती हैं। दोनों ओर की बातों से यह साफ जाहिर होता है कि बोर्ड के काम में पारदर्शिता कम झोलझाल ज्यादा है।
जिला पंचायत के मुख्य कार्य:
विकास योजनाओं का संचालन:
जिला पंचायत जिले में विकास योजनाओं का संचालन और कार्यान्वयन करती है, जिसमें कृषि, पशुधन, गरीबी उन्मूलन, सामाजिक वानिकी, और परिवार कल्याण कार्यक्रम शामिल हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था:
यह सड़कों का निर्माण और रखरखाव, जल आपूर्ति, स्वच्छता, स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना, और स्कूलों का संचालन जैसे कार्यों को देखती है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था का विकास
जिला पंचायत लघु उद्योगों,
कुटीर उद्योगों, और अन्य ग्रामीण रोजगार योजनाओं को बढ़ावा देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास में मदद करती है।
स्वास्थ्य और स्वच्छता
जिला पंचायत स्वास्थ्य और स्वच्छता संबंधी योजनाओं की निगरानी करती है और सार्वजनिक स्वास्थ्य, अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों, और जल आपूर्ति जैसी सेवाओं में सुधार के लिए काम करती है।
सामाजिक कल्याण
जिला पंचायत सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों जैसे कि वयस्क साक्षरता, बाल कल्याण, और युवा कल्याण कार्यक्रमों को लागू करती है