बैक टू स्कूल कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु की गई जिला स्तरीय उनमुखीकरण कार्यक्रम, दिया निर्देश

एनपीटी पाकुड़ ब्यूरो,
पाकुड़ (झा०खं०), प्रोजेक्ट परख (तैयारी उड़ान की) के तहत 21 अप्रैल 2025 से 10 मई 2025 तक आयोजित हो रही स्कूल रुआर 2025 अभियान के मद्देनजर एक दिवसीय जिला स्तरीय उनमुखीकरण कार्यक्रम (कार्यशाला) का आयोजन पाकुड़ स्थित रविन्द्र भवन में आयोजित हुई। कार्यक्रम के बतौर मुख्यातिथि पाकुड़ उपायुक्त मनीष कुमार के पहुंचते ही उनकी जोरदार तरीके से स्वागत किया गया। वही उपायुक्त मनीष कुमार, अपर समाहर्ता जेम्स सुरीन, डीपीआरओ प्रीतिलता मुर्मू, जिला शिक्षा पदाधिकारी अनीता पूर्ति व जिला शिक्षा अधीक्षक नयन कुमार ने स्कूल रुआर 2025 अभियान रथ को हरी झंडी दिखाकर कर रवाना किया। वही उपायुक्त मनीष कुमार, अपर समाहर्ता, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला अधीक्षक पदाधिकारी , डीपीआरओ, बीडीओ समीर अल्फ्रेड मुर्मू, बीडीओ टुडू दीलिप व बीडीओ प्रमोद कुमार गुप्ता अन्य के द्वारा दीप प्रज्वलित कर जिला स्तरीय उनमुखीकरण कार्यक्रम की शुरुआत की गई। कार्यक्रम में सभी वक्ताओं के द्वारा ड्रॉप आउट हो रहे बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय आने की हर एक अवयवों को दर्शाया गया। कार्यक्रम में पाकुड़ जिले के लगभग 1145 विद्यालय के बच्चे ड्रॉप्ड आउट ना हो, जिसके लिए कई अवयवों को साझा किया गया। लेकिन वर्ग पंचम, अष्टम, नवम व ग्यारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों में ड्रॉप आउट होने की आशंका के मद्देनजर नजर बनाये रखने की इश्यू को भी दर्शाया। कहा उल्लेखनीय वर्ग के बच्चों पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए, कारण इन वर्गों के बच्चों में ड्रॉप आउट होने की सम्भावना ज्यादा होती है। कार्यक्रम में स्कूली बच्चों पर नजर बनाये रखने समेत समाज निर्माण में महत्वपूर्ण अवयवों को भी दर्शाया गया। जिससे बच्चों समेत समाज में सकारात्मक आयाम स्थापित हो सके। उपायुक्त मनीष कुमार ने सम्बोधित करते हुए कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तृत रूप से फोकस की। उन्होंने कहा कि स्कूल रुआर में शिक्षकों की महत्वपूर्ण है भुमिका होती है। इसके बिना सार्थक ही नहीं बल्कि अधुरा है। उपायुक्त मनीष कुमार ने कहा कि वे बच्चे जो विद्यालय छोड़ चुके है, उन्हें वापस लाने एवं उन्हें शिक्षित करना कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि रुआर का मतलब वापस आओ होता है। विद्यालय में अनामांकित 5 से 18 आयु वर्ग के सभी बच्चों को हमे विद्यालय में वापस लाना है। इसके अलावे कक्षा 1 से 11 में नामांकित सभी बच्चों को अगली कक्षा में नामांकन सुनिश्चित कराना है। वही नामांकित सभी बच्चों का विद्यालय में उपस्थिति भी सुनिश्चित कराना है। बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए रचनात्मक प्रयासों पर जोर दें। जो बच्चे विद्यालय नहीं आ रहे हैं, उनके घरों में जाकर अभिभावकों से बात करे। उपायुक्त ने बताया कि यह कार्यक्रम 21 अप्रैल से लेकर 10 मई तक चलाया जायेगा। जिसमें विद्यालय के शिक्षक बाल पंजी का अद्यतीकरण व विद्यालय से बाहर के बच्चों को सूचीबद्ध करना है। जिले को शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ाने को लेकर जिला प्रशासन लगातार प्रयासरत है। उपायुक्त ने कहा कि बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए सभी शिक्षक, पीआरआई मेंबर, मीडिया प्रतिनिधियों सभी मिलकर शिक्षा विभाग के साथ साथ इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अहम भूमिका निभाएं। उपायुक्त ने बताया कि 24 अप्रैल को जिले एवं सभी प्रखण्डों में ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन किया जायेगा। उपायुक्त ने सभी से आग्रह किया कि वे ज्यादा से ज्यादा लोगों को प्रेरित कर रक्तदान करवाएं। जिला शिक्षा अधीक्षक नयन कुमार ने कहा कि बैक टू स्कूल कैंपेन 10 मई तक चलेगा। अभियान के तहत आंगनबाड़ी से प्राथमिक विद्यालय, प्राथमिक से मध्य व मध्य से उच्च तथा उच्च से उच्चतर विद्यालयों में ड्रॉपआउट या अनामांकित बच्चों का नामांकन होगा। स्कूलों को यह मैपिंग करनी है कि कक्षा पांच से छह, कक्षा आठ से नौ व कक्षा 10 से 11 में बच्चों का नामांकन हुआ। विद्यालय स्तर पर 21 अप्रैल से 10 मई तक विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जायेंगी। जिला शिक्षा पदाधिकारी अनीता पुरती ने कहा कि हमारी नैतिक जिम्मेदारी है, की एक भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रह जाए। सरकार सभी बच्चों को शिक्षित करना चाहती है। ताकि बच्चे शिक्षित हो कर समाज व देश के विकास में अग्रसर हो सके। इस अवसर पर एडीपीओ, एपीओ, बीईईओ, बीपीओ, बीआरपी, सीआरपी, पीआरआई मेंबर, पीएमयू सेल के कर्मी समेत पंचायत मुखिया मौजूद रहे।