पहलगांव कांड के बाद पाकिस्तान की चहुंओर निंदा: देशभर में उबाल, पुतला दहन और विरोध प्रदर्शन

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगांव में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस कांड में मारे गए निर्दोष लोगों की मौत से जनमानस में गहरा आक्रोश है और इसकी ज़िम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों पर डालते हुए देशभर में तीव्र प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। सामाजिक संगठनों, राजनीतिक दलों, छात्र संगठनों से लेकर आम नागरिक तक सड़कों पर उतर आए हैं। जगह-जगह पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी की जा रही है, पुतले फूंके जा रहे हैं और कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है।
आतंकी हमला और उसकी पृष्ठभूमि
पहलगांव में हुए इस हमले में घात लगाकर किए गए विस्फोट और गोलीबारी ने कई निर्दोष नागरिकों और सुरक्षाबलों की जान ले ली। शुरुआती जांच में यह साफ हो गया कि इस हमले को अंजाम देने वाले आतंकी पाकिस्तान की सरजमीं से प्रशिक्षित होकर आए थे। इस घटना ने एक बार फिर सीमा पार से आतंकवाद के पोषण और भारत में अस्थिरता फैलाने की पाकिस्तान की मंशा को उजागर कर दिया।
देशभर में आक्रोश की लहर
हमले के अगले ही दिन से देश के कोने-कोने में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, जयपुर, पटना, भोपाल, चंडीगढ़ जैसे बड़े शहरों में युवाओं ने पाकिस्तान के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध जताया। विश्वविद्यालयों के छात्र संगठनों ने मौन जुलूस और पुतला दहन किया। वहीं बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, और कई अन्य संगठनों ने पाकिस्तान का पुतला फूंककर अपना आक्रोश प्रकट किया।
सोशल मीडिया पर भी गूंज
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर #PahalgamAttack, #PakistanMurdabad, और #JusticeForMartyrs जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। लोग सरकार से पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। कई जाने-माने हस्तियों और सेवानिवृत्त सैनिकों ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं
सत्ताधारी दल ने हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराते हुए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दबाव बनाने की बात कही है। वहीं विपक्षी दलों ने भी एकजुटता दिखाते हुए आतंक के खिलाफ सख्त नीति की मांग की है। कुछ नेताओं ने संसद में विशेष सत्र बुलाकर इस मुद्दे पर ठोस चर्चा और रणनीति तय करने का प्रस्ताव रखा है।
सेना और सुरक्षा बलों की तैयारी
सेना प्रमुख ने स्पष्ट कहा है कि हमारे जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी। नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की संभावनाओं पर मंथन शुरू हो गया है। खुफिया एजेंसियां सतर्क हैं और सीमावर्ती इलाकों में तलाशी अभियान तेज़ कर दिया गया है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिक्रिया
अमेरिका, फ्रांस, जापान और अन्य देशों ने इस हमले की निंदा करते हुए भारत के साथ खड़े होने की बात कही है। भारत सरकार संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के खिलाफ सबूतों के साथ मामला उठाने की तैयारी कर रही है।
पहलगांव कांड ने एक बार फिर साबित किया है कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है और इसे पालने-पोसने वाले देश को अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मिलकर जवाब देना होगा। देशवासी एक स्वर में पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि भारत सरकार इस जनआक्रोश को किस रणनीतिक कदम में तब्दील करती है।