बरेली

एसआरएमएस रिद्धिमा में पं.राधेश्याम कथावाचक के चर्चित नाटक वीर अभिमन्यु का मंचन

एनपीटी बरेली ब्यूरो

बरेली, एसआरएमएस के सभागार में  पंडित राधेश्याम कथावाचक लिखित और विनायक कुमार श्रीवास्तव निर्देशित नाटक वीर अभिमन्यु का मंचन हुआ। पारसी नाटक शैली और महाभारत पर आधारित इस नाटक में कलाकारों का शानदार अभिनय और सामंजस्य देखने को मिला। नाटक का आरंभ अर्जुन द्वारा अपनी सेना को तहस नहस होते देख गुरु द्रोणाचार्य को उलाहना देते दुर्योधन से होता है। जिसके कहने के बाद गुरु अगले दिन पांडवों में से किसी एक वीर को मारने का प्रण लेते हैं। नकुल इस समाचार की जानकारी शिविर में युधिष्ठिर और भीम को देते हैं और बताते हैं कि गुरु दोर्णाचार्य ने चक्रव्यूह का निर्माण किया है। अर्जुन कि अनुपस्थिति में चक्रव्यूह कौन तोड़ेगा की समस्या पर युधिष्ठिर परेशान होते हैं। उन्हें चिंतित देख अभिमन्यु चक्रव्यूह तोड़ने का भरोसा देता है। वह बताता है कि मां सुभद्रा को अर्जुन एक रात चक्रव्यूह तोड़ने कि विद्या समझा रहे थे। जिसे मैंने गर्भ में सुन लिया और समझ लिया। अभिमन्यु के हठ करने युधिष्ठिर अभिमन्यु युद्ध में भेज देते हैं।युद्ध में जाने से पहले अभिमन्यु अपनी पत्नी उत्तरा  से मिलने जाता है। उत्तरा उसे युद्ध में जाने से मना करती है, लेकिन अभिमन्यु उसे समझा कर आशीर्वाद लेने मां सुभद्रा के पास आता है। सुभद्रा उसे युद्ध में जाने के लिए प्रेरित करती है और तलवार देकर अभिमन्यु को आशीर्वाद देती है। युद्ध में अभिमन्यु से पूरी कौरव सेना  परास्त हो जाती है। उसका पराक्रम देख सभी आश्चर्य चकित हो जाते हैं। तब सभी कौरव योद्धा अभिमन्यु को मारने की योजना बनाते हैंऔर युद्ध में निहत्था अभिमन्यु दुर्योधन, दुःशासन सहित सात लोगों के बीच अकेला फंस जाता है। सब मिलकर वीर अभिमन्यु का वध कर देते हैं। इस मौके पर एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देव मूर्ति जी, आशा मूर्ति जी, उषा गुप्ता जी, इंजीनियर सुभाष मेहरा, डा.प्रभाकर गुप्ता, डा.शैलेश सक्सेना, डा. रीटा शर्मा सहित शहर के गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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