जिला उद्यान अधिकारी द्वारा भुगतान के लिए लगाये फर्जी बिल,कोटेशन लिमिट में आने के बावजूद 40 बंडल चटाई की खरीददारी कर ली गई। मगर कोटेशन तक नहीं लिया गया। आम तौर पर कम से कम तीन कोटेशन लिये जाने का प्रावधान है।

मुरादाबाद। जिला उद्यान अधिकारी (डीएचओ) के निलंबन के लिए शासन में पड़ी फाइल से उनके कारनामों की परतें खुलती जा रही हैं, नए पन्ने पर फर्जी बिलों के सहारे उन्होंने भुगतान करने का असफल प्रयास किया। हालांकि जो वरिष्ठ अधिकारियों के पकड़ में आ गया और इन अधिकारियों ने भुगतान को होने से रोक दिया। दरअसल जिला उद्यान अधिकारी मुरादाबाद ने राजकीय प्रक्षेत्र बिलारी के लिए चटाई खरीदी, जो मार्केट से अधिक दर पर 1100 प्रति चटाई खरीदी गई। इस तरह से मैसर्स मॉं भगवती ट्रेडर्स गढ़मुक्तेश्वर (हापुड़) के पक्ष में 44 हजार रुपये के बिल भुगतान लिए वरिष्ठ अधिकारियों के सामने प्रस्तुत किया गया। वहीं राजकीय प्रक्षेत्र बिलारी पर टोकरी खरीदने के लिए 4800 रुपये के भुगतान के लिए बिलों को लगाया गया।चटाई की गुणवत्ता तक नहीं बताई गई,जिला उद्यान अधिकारी ने जो चटाई खरीदी। उस चटाई की लंबाई, चौड़ाई, वजन, संख्या आदि के बारे में बिल में कहीं उल्लेख तक नहीं किया गया। नाम एक और पता अलग-अलग ,जिला उद्यान अधिकारी की ओर से भुगतान के लिए जो बिल लगाया गया। उन दोनों बिलों में नाम एक ही है। मगर एक में पता संभल तो दूसरे बिल में पता हापुड़ लिखा गया है। बगैर जीएसटी नंबर के बिल जो बिल लगाया गया। उस पर जीएसटी नंबर तक उल्लेख नहीं किया गया है, जिस संस्था से सामान की खरीदारी की गई है। वह संस्था विभाग में पंजीकृत है या नहीं। इस तथ्य को भी छिपाया गया। कोटेशन तक नहीं प्राप्त किया गय कोटेशन लिमिट में आने के बावजूद 40 बंडल चटाई की खरीददारी कर ली गई। मगर कोटेशन तक नहीं लिया गया। आम तौर पर कम से कम तीन कोटेशन लिये जाने का प्रावधान है। बहरहाल इतने घोटाले के बाद डीएचओ अपने मिशन में सफल हैं। डी एच ओ मुरादाबाद,डी एच ओ मुरादाबाद से जब इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने कुछ नहीं बता पाए सिर्फ यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि नौकरी में सब चलता रहता है। आरोप लगते रहते हैं।