गोड्डा

पंजराडीह में चल रहे श्री राम कथा के पांचवें दिन श्री सीता राम के विवाह का हुआ वर्णन।

ठाकुर गंगटी (गोड्डा): प्रखंड क्षेत्र के पंजराडीह गांव में चल रहे श्री श्री 1008 राम कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव के पांचवीं संध्या प्रख्यात विद्वान कथावाचक धनंजय वैष्णव जी महाराज ने भगवान श्री रामचंद्र जी और माता सीता की शुभ विवाह का वर्णन किया। कहा कि भगवान श्री राम चंद्र जी महाराज स्वयंवर में पहुंचे थे। उन्होंने भगवान शिव जी के धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाई और धनुष टूट गया। राजा जनक ने माता सीता की विवाह श्री भगवान श्री राम चंद्र जी महाराज के साथ कर दिया। अयोध्या और जनकपुर में विवाह का उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया।यह विवाह आदर्श विवाह का प्रतीक माना जाता है। जिसमें पति-पत्नी के बीच प्रेम समर्पण और विश्वास होता है। इस विवाह से भगवान राम ने अहंकार का त्याग करके धनुष तोड़ा जो कि आदर्श विवाह की विशेषता है। यह विवाह लोगों को आदर्श विवाह का संदेश देता है और प्रेम समर्पण तथा विश्वास की भावना को बढ़ाता है। महर्षि वशिष्ठ जी ने भगवान श्री राम चंद्र जी महाराज को शिव जी के धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाने की आज्ञा दी थी। उनकी आज्ञा का पालन करते हुए भगवान श्री रामचंद्र जी ने भगवान शिव जी के धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाने लगे थे। भगवान श्री राम और माता सीता की विवाह मार्ग शीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन हुआ था। इसलिए इस दिन को विवाह पंचमी के रूप में मनाई जाती है। विवाह पंचमी हिंदू धर्म का एक पावन पर्व है जो भगवान श्री राम चंद्र और माता सीता के विवाह के उपलक्ष में धूमधाम से मनाई जाती है।भगवान श्री राम विवाह प्रसंग में कई चौपाइयां भी आई है।कथावाचक विष्णु पाठक जी महाराज ने श्रोता श्रद्धालुओं से यह भी कहा कि भगवान श्री राम चंद्र और माता सीता की जीवनी से सीख लेने की आवश्यकता है और उसे जीवन में उतारने की जरूरत है ताकि सबों का कल्याण हो जाए। कहीं भी निकट में या दूर में कोई भी धार्मिक कथा या धार्मिक कार्य होता हो तो निश्चित रूप से उसमें कुछ ना कुछ समय निकाल कर लगाना चाहिए।तभी जीवन साकार हो सकता है। किसी भी कथा और धार्मिक कार्य में शुरू से अंत तक रहकर आरती और प्रसाद लेकर ही अपने गंतव्य की ओर जाना चाहिए वरना भक्ति अधूरी रह जाती है। कथा में पंजराडीह गांव के साथ-साथ टिकट वर्ती दर्जनों गांवों के गणमान्य, शिक्षाविद, बुजुर्ग, समाजसेवी, प्रतिनिधि, किसान, मजदूर सहयोग कर रहे हैं। प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु राम कथा रूपी ज्ञान अर्जित कर रहे हैं।

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