बाबूलाल मरांडी ने कोयला चोरी की बेतहाशा वृद्धि समेत डीजीपी विहीन राज्य का लगाया गंभीर आरोप

एनपीटी,
झारखण्ड में डीजीपी को लेकर शायद एक दफा फिर से सियासत तेज होता हुआ महसूस की जा रही है। झारखण्ड के पूर्व सीएम सह- बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष समेत नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने प्रेसवार्ता के दौरान झारखण्ड को डीजीपी विहीन (कप्तान विहीन) बताया है। उन्होंने इस मामले में हेमन्त सरकार को भी आड़े हाथों लिया है। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखण्ड बीते दो दिनों से संवैधानिक रूप से डीजीपी विहीन राज्य है। कहा यही नहीं, राज्य में एसीबी, सीआईडी और पुलिस के सभी प्रमुख पद रिक्त हैं, जो राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था को संकट में डाल रहे हैं। पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने आईपीएस अनुराग गुप्ता की नियुक्ति को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि एक ऐसे अधिकारी को डीजीपी बनाया गया है, जिन पर कई मामले दर्ज हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि 1990 बैच के इस अधिकारी पर बिहार के मगध विश्वविद्यालय थाने में IPC की गंभीर धाराओं सहित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज है। बाबूलाल ने यह भी बताया कि उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान बिहार सरकार ने अनुराग गुप्ता के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति के लिए पत्र भेजा था। उन्होंने आरोप लगाया कि अनुराग गुप्ता को निलंबित करने के बावजूद हेमन्त सरकार ने उन्हें दोबारा राज्य में तैनात किया। बाबूलाल मरांडी ने दावा किया कि झारखण्ड सरकार ने अब तक ईडी द्वारा भेजे गये 10 से अधिक अभियोजन स्वीकृति अनुरोधों पर कोई कार्रवाई नहीं की, जिसमें पूजा सिंघल, छवि रंजन और आलमगीर आलम जैसे बड़े नाम शामिल हैं। बाबूलाल मरांडी ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग ने 2024 में अनुराग गुप्ता को डीजीपी पद के दुरुपयोग का दोषी ठहराते हुए हटाया था, लेकिन हेमन्त सरकार ने मुख्यमंत्री बनते ही उन्हें पुनः कार्यभार सौंप दिया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बावजूद, राज्य सरकार ने 7 जनवरी को ऑल इंडिया सर्विस रूल्स को दरकिनार करते हुए डीजीपी नियुक्ति के लिए नया नियम बना डाला। यूपीएससी को पैनल भेजने की बाध्यता को नजर अंदाज़ करते हुए अनुराग गुप्ता को 3 फरवरी को डीजीपी नियुक्त किया गया, जबकि वे 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त होने वाले थे। बाबूलाल मरांडी ने इसे राजनीतिक लाभ के लिए नियमों का दुरुपयोग करार देते हुए गृह मंत्रालय द्वारा भेजे गये पत्र की अनदेखी की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि झारखण्ड में कानून व्यवस्था की हालत ऐसी है कि कोयला चोरी बेतहाशा बढ़ चुकी है। प्रतिदिन सैकड़ों ट्रकों में कोयला अवैध रूप से बाहर जा रहा है, और सरकार इस पर आंखें मूंदे हुए है। बाबूलाल मरांडी ने मांग किया कि राज्य सरकार अविलंब डीजीपी की संवैधानिक रूप से मान्य प्रक्रिया से नियुक्ति करे और कानून व्यवस्था को दुरुस्त करे। उन्होंने हेमन्त सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं की अवमानना और प्रशासनिक तंत्र के दुरुपयोग का गंभीर आरोप लगाया।