मुरादाबाद

बिजली विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी कर रहे स्मार्ट मीटर लगाने का विरोध  

स्मार्ट मीटर अगर घरों में लगवाया तो वह बर्बाद कर देगा और बिजली का बिल बहुत अधिक आएगा। इसलिए जो बिजली के कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं। वह अपने घरों में स्मार्ट मीटर नहीं लगवा रहे हैं। उलटा स्मार्ट मीटर लगाये जाने का विरोध कर रहे हैं।

नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो,

मुरादाबाद।स्मार्ट मीटर अगर घरों में लगवाया तो वह बर्बाद कर देगा और बिजली का बिल बहुत अधिक आएगा। इसलिए जो बिजली के कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं। वह अपने घरों में स्मार्ट मीटर नहीं लगवा रहे हैं। उलटा स्मार्ट मीटर लगाये जाने का विरोध कर रहे हैं। यह चौंकाने वाला खुलासा उन लोगों से हुआ है, जिन्होंने अपना पूरा जीवन बिजली विभाग खपा दिया और सेवानिवृत बिजली कर्मचारियों को पूरी तरह से इस बात का ज्ञान है, बिजली विभाग का मीटर कैसे काम करता है?

मुरादाबाद के हर बिजली घर में 30 से 40 रिटायर्ड कर्मचारी ऐसे हैं, जिन्होंने विभाग से रिटायर होने के बाद भी बिजली कनेक्शन तो ले रखा है, मगर आज तक अपने परिसर में बिजली मीटर नहीं लगवाया है। वही विभागीय नियमों के अनुसार, किसी भी उपभोक्ता के यहां मीटर लगाना अनिवार्य है, फिर चाहे वह विभाग का पूर्व कर्मचारी ही क्यों न हो। मगर इन कर्मचारियों ने स्मार्ट मीटर का बायकॉट कर दिया है।

स्मार्ट मीटर पर भी उठे सवाल

इस बीच, विभाग की ओर से लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर भी विवादों में हैं। कई स्थानों से शिकायतें आ रही हैं कि स्मार्ट मीटर गलत रीडिंग दिखा रहे हैं। ऐसे में विभाग खुद असमंजस में है कि इन मीटरों को कैसे भरोसे के साथ रिटायर्ड कर्मचारियों के परिसरों में लगाया जाए।

मुख्य अभियंता चुप क्यों

जब इस पूरे मामले पर मुख्य अभियंता मुरादाबाद से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई, तो उन्होंने बात करने से इनकार कर दिया। वही अधीक्षण अभियंता ग्रामीण राकेश मोहन ने बताया, जो बिजली विभाग में काम कर रहे है उनका बिजली बिल तय होता है जो उनकी सैलरी या रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंसन से काटा जाता है, जिसके चलते वो लोग ये  स्मार्ट मीटर लगवाने से इंकार कर रहे है 

यह पूरा मामला न सिर्फ विभागीय अनियमितताओं की ओर इशारा करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे नियमों को ताख पर रखकर कुछ लोगों को विशेष लाभ दिया जा रहा है।

पहले विभाग के कर्मचारी लगाएं तब उपभोक्ताओं के यहां लगे

लोगों का कहना है कि अगर स्मार्ट मीटर इतना अच्छा है तो पहले विभागीय कर्मचारियों के यहां लगाया जाए। उसके बाद आम उपभोक्ता के घरों में लग रहें हैं

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