सरकारी दस्तावेजों में दर्ज नहर की सुविधा से अब तक वंचित है ग्रामीण

एन. अंसारी
एनपीटी ब्यूरो, साहेबगंज जिले के बरहरवा, कहा जाता है कि प्रजातंत्र में जनता ही मालिक होती है तथा चुने हुए प्रतिनिधि तथा कमी उनके सेवक। लोकतंत्र की व्याख्या में तो यह परिभाषा सटीक बैठती है। परन्तु कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां हकीकत इससे कोसों दूर है। लोकतंत्र का मालिक स्वंय आज के दौर में अपने हक के लिए संघर्ष करता दिख रहा है। कुछ ऐसा ही हाल बरहरवा प्रखण्ड अन्तर्गत बड़ा सोनाकड़ पंचायत से मयूरकोला पंचायत तक बने नहर का है। नहर का निर्माण तो आज से लगभग 5 दशक पूर्व हो चुका है। परन्तु अभी भी बिभागगीय उदासीनता के कारण आज तक एक भी गरीब किसान को इसका लाभ नहीं मिल पाया है। यदि सरकार इस नहर के जरिए पानी के सुविधा को बहाल कर दे तो इस क्षेत्र के हजारों किसान की जिंदगी बदल सकती है। इस क्षेत्र के अधिकतर किसान कृषि कार्य के लिए बरसात पर निर्भर आते हैं। यदि समय पर बारिश ना हो तो फसल नहीं हो पाती तथा किसानों की सामने दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर पाना भी सम्भव हो जाता। ऐसे नहर में प्रारम्भ होने से किसानों की जीवन में खुशहाली तथा स्मृति आ जायेगी। इस क्षेत्र मे कई गांव बसे हुई हैंं, जैसे मयूरकोला पंचायत मे उरमा, पीपल जोड़ी, श्याम नगर तथा बड़ा सोनाकड़ पंचायत। इस नहर में पानी का व्यवस्था हो जाने से कई गांव खुशहाल जिंदगी जिएगा।