पहलगाम आतंकी हमला: इंसानियत के खिलाफ जंग, एकता का संदेश बनी भारत की जनता

सुरेंद्र मलानिया
बागपत। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। सैन्य वर्दी में आए आतंकियों ने धर्म पूछकर 26 निर्दोष हिंदू पर्यटकों की हत्या कर दी और 20 से अधिक घायल हो गए। यह क्रूरता न सिर्फ राष्ट्र के खिलाफ अपराध है, बल्कि इस्लाम जैसे शांति-संदेश देने वाले धर्म का भी अपमान है। कुरान के अनुसार, निर्दोष की हत्या सबसे बड़ा पाप है।
इस दर्दनाक हमले के बीच, कश्मीरी मुस्लिमों ने जो साहस और इंसानियत दिखाई, वह मिसाल बन गया। कई स्थानीय मुसलमानों ने जान जोखिम में डालकर घायल पर्यटकों को अस्पताल पहुँचाया, खून दान किया और हरसंभव मदद की।
देशभर के इस्लामी संगठनों ने भी हमले की निंदा की। इमाम उमर अहमद इलियासी ने 5.5 लाख मस्जिदों से आतंकवाद के खिलाफ नमाज़ की अपील की। मौलाना अरशद मदनी और सैयद सदातुल्लाह हुसैनी ने भी आतंकियों को इंसानियत का दुश्मन बताया।
यह घटना याद दिलाती है: आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। भारत की असली ताकत उसके नागरिकों की एकता, करुणा और सहिष्णुता में है। नफरत हारती है, इंसानियत जीतती है।