घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया, आपात स्थिति में राहत, बचाव व सुरक्षा व्यवस्था के उपायों को परखा गया

जिला कलक्टर और पुलिस अधीक्षक ने विभागों का त्वरित प्रदर्शन परखा, आवश्यक निर्देश दिए
खैरथल-तिजारा। आशियाना आंगन भिवाड़ी में मंगलवार को सिविल डिफेंस के तहत आपातकालीन मॉक ड्रिल का अभ्यास शाम 4 बजे किया गया। मॉकड्रिल के तहत सोसाइटी पर हवाई हमले की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन, पुलिस, सिविल डिफेंस,चिकित्सा, अग्निशमन व अन्य संबंधित विभागों की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं। प्रशासन व पुलिस द्वारा आपात स्थिति से निपटने के लिए विभिन्न विभागों की प्रतिक्रिया और समन्वय की जांच की गई।

मॉक ड्रिल में परखी व्यवस्थाएं
सायरन की आवाज एवं कंट्रोल रूम में सूचना मिलने के साथ ही पुलिस, प्रशासन की गाड़ियां, एम्बूलेंस व फायर ब्रिगेड घटना स्थल की तरफ दौड़ पड़े। सायरनों की आवाज सुनकर हर कोई बचाव की मुद्रा में आ गया एवं हवाई हमले के बाद घायलों एवं प्रभावितों को बचाने के लिए जिला प्रशासन के सभी संबंधित विभाग सक्रिय हो गये।
यह मॉकड्रिल प्लांट में दुश्मन देश के हवाई हमले की स्थिति में मौके पर राहत एवं बचाव कार्य, घायलों को त्वरित रूप से अस्पताल पहुंचाने और अस्पताल की आपातकालीन व्यवस्थाओं की तैयारियों का जायजा लेने के उद्देश्य से की गई। हवाई हमले के साथ मॉक ड्रिल की शुरुआत हुई, जिसके तत्काल बाद सायरन बजने लगे, जिला पुलिस कंट्रोल रूम को हवाई हमले की सूचना दी गई। पुलिस, चिकित्सा, सिविल डिफेंस की टीम मौके पर पहुंची। तत्काल प्रभाव से एम्बुलेंस और पुलिस की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। मॉक ड्रिल में घायल हुए लोगों को एम्बुलेंस के माध्यम से अस्पताल पहुंचाया गया। मौके पर पहुॅची फायर ब्रिगेड की टीम द्वारा आग बुझाने की कार्यवाही को अंजाम दिया गया। सिविल डिफेंस एवं फायर ब्रिगेड की टीम एवं हाइड्रोलिक क्रेन के माध्यम से दसवीं मंजिल से लोगों को रेस्क्यू करने का सजीव प्रदर्शन करते हुये अस्पताल पहुंचाया गया। इस दौरान फायर ब्रिगेड टीम ने पानी व फॉम के माध्यम से आग पर काबू पाने का मॉक ड्रिल किया.
प्रशासनिक अधिकारियों ने संभाली कमान
हवाई हमले की सूचना मिलते ही जिला कलक्टर किशोर कुमार, जिला पुलिस अधीक्षक ज्येष्ठा मैत्रेयी ने मौके पर पहुॅचकर बचाव एवं राहत कार्यों का जायजा लेकर टीम की सक्रियता को परखा। पुलिस टीम ने मोर्चा संभालकर परिस्थिति को नियंत्रण में लिया। डिप्टी एसपी कैलाश चौधरी के नेतृत्व में पुलिस जाप्ता द्वारा आसपास जमा भीड को हटाते हुये संभावित हमले से बचाव के लिये एसओपी की पालना के निर्देश दिये गए। अतिरिक्त जिला कलेक्टर सुमित्रा मिश्र, आयुक्त नगर परिषद ने बचाव राहत कार्यों की टीम के साथ समन्वय का कार्य किया।
अस्पताल पहुंचने पर, घायलों को तुरंत सुरक्षित क्षेत्र में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों और नर्सों की टीम ने उनकी प्राथमिक जांच की और उन्हें उनकी चोटों की गंभीरता के अनुसार विभिन्न वार्डों में भेजा गया। इस दौरान सीएमएचओ अरविंद गेट के नेतृत्व में अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में तेजी और समन्वय देखा गया। डॉक्टरों ने मॉकड्रिल में घायल हुए लोगों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की।
तत्पश्चात जिला कलक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक अस्पताल पहुंचे। उन्होंने अस्पताल की आपातकालीन व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने अस्पताल के विभिन्न वार्डों का निरीक्षण किया एवं आपातकालीन में लाए गए करीब घायलों की स्थिति अनुरूप व्यवस्थाओं देखा तथा लोगों से मुलाकात कर ऐसी स्थिति में धैर्य से काम लेने को कहा।
जिला कलक्टर ने अस्पताल प्रशासन से व्यवस्थाओं के बारे में विस्तृत जानकारी ली और आवश्यक फीडबैक भी दिया। साथ ही एम्बुलेंस में ऑक्सीजन सिलेंडर सहित अन्य आवश्यक चिकित्सक उपकरणों की स्थित, चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ की उपस्थित को भी देखा।
मॉक ड्रिल के अंत में जिला कलक्टर ने कहा कि यह मॉकड्रिल आपदा प्रबंधन की तैयारियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने अस्पताल प्रशासन और सभी संबंधित विभागों के समन्वय और तत्परता की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह की मॉकड्रिल से किसी भी आपात स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने की हमारी क्षमता बढ़ती है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इस तरह की मॉक ड्रिल आयोजित की जाती रहेंगी ताकि आपात स्थिति के लिए जिला प्रशासन तैयार रहे।
जिला पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मॉक ड्रिल से उन्हें अपनी आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली को त्वरित बनाने में मदद मिलेगी। यह मॉक ड्रिल नगर परिषद और जिला प्रशासन के आपदा प्रबंधन की तैयारियों को दर्शाती है और यह संदेश देती है कि किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए सभी विभाग पूरी तरह से सतर्क और तैयार हैं।
मॉक ड्रिल के दौरान अतिरिक्त जिला कलेक्टर सुमित्रा मिश्र, डीएसपी कैलाश चौधरी सहित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे ।