अमरोहा के कारीगरों की बदलेगी किस्मत! मेटल-वुडन हैंडीक्राफ्ट को मिला ODOP में स्थान, चमकेगा कारोबार

अमरोहा l उ. प्र
अमरोहा के लकड़ी और धातु हस्तशिल्प कारोबार को एक जिला एक उत्पाद योजना में शामिल किया गया है जिससे कारोबार में चमक आएगी। कारीगरों को सरकारी योजनाओं से लाभ मिलेगा और ऋण लेकर खुद का व्यवसाय शुरू कर सकेंगे। इस फैसले से अमरोहा के लकड़ी उत्पादों को नई पहचान मिलेगी और निर्यात में वृद्धि होगी।
अमरोहा के लकड़ी उत्पादों को मिलेगी पहचान, चमकेगा कारोबार
देश-विदेश में लोगों के घरों की रौनक बढ़ाएंगे मेटल व लकड़ी के सुंदर उत्पाद
एक जिला एक उत्पाद में शामिल हुए उत्पाद, कारोबारियों के चेहरे भी चमके
जैकेट, ढोलक के बाद अब अमरोहा के मेटल व वुडन हैंडीक्राफ्ट कारोबार को भी पहचान मिलेगी। एक जिला एक उत्पाद योजना में शामिल होने से इस कारोबार की चमक और बिखरेगी। देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी यहां के उत्पाद घरों की शोभा बढ़ाएंगे।
हुनरमंद कारीगरों की किस्मत भी करवट लेगी क्योंकि, वह भी सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे। बैंकों से ऋण लेकर स्वयं का कारोबार चालू कर सकेंगे।
कोरोना में ठप पड़ा था कारोबार
अमरोहा की ढोलक की थाप ओडीओपी योजना में शामिल होने के बाद तेजी के साथ बढ़ी है। लोगों ने योजना का लाभ उठाते हुए अपने कारखाने खोले हैं। कोरोना काल में कारखानों की संख्या 250 के करीब थी। कोरोना खत्म होने के बाद भी यह कारोबार गति नहीं पकड़ पा रहा था। इसी बीच सरकार ने ढोलक को ओडीओपी योजना में शामिल करते हुए कारोबार को संजीवनी दी।
इसके बाद से कारखानों की संख्या बढ़कर 350 तक पहुंच गई है। इसके बाद सरकार ने नौगावां सादात के जैकेट कारोबार को एक जिला एक उत्पाद में शामिल कर अलग पहचान दी। अब उसने अमरोहा की मेटल और लकड़ी उत्पादों को ओडीओपी योजना में सम्मिलित किया है। जिसकी वजह से इस कारोबार को भी दुनियाभर में पहचान मिलेगी। हुनरमंद कारीगरों द्वारा लकड़ी व मेटल पर नक्काशी कर बनाए गए आकर्षक उत्पाद लोगों के घरों की शोभा को बढ़ाएंगे।
120 कारखाने, हर साल 12 करोड़ का निर्यात
जिले में मेटल व लकड़ी उत्पाद बनाने वाले कारखानों की संख्या करीब 120 के आस-पास है। अधिकतर यह उत्पाद छोटी गलियों में स्थित कारखानों व घरों में बनाए जा रहे हैं। कारखानों में करीब पांच हजार मजदूर काम करते हैं। हर साल 12 करोड़ रुपये तक का निर्यात होता है। ओडीओपी में शामिल होने से लोगों को कारोबार के लिए 25 लाख रुपये तक का ऋण मिल सकेगा। इसमें 25 प्रतिशत सब्सिडी होगी। मजदूर श्रम विभाग की योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।
ये बनते हैं लकड़ी के उत्पाद
डिनर सेट, लैंप, टेबिल, स्टूल, चेयर, फ्लावर कोट, रई, डमरू, पेन स्टैंड, गमले, कप-प्लेट, घड़ी, गिलास आदि।
सरकार ने मेटल व वुडन हैंडीक्राफ्ट को ओडीओपी में शामिल कर जनपद के कारोबारियों के पक्ष में अच्छा निर्णय लिया है। इससे कारोबार को अलग पहचान मिलेगी। कारोबार और बढ़ेगा।
-अमित कुमार सैनी, कारोबारी
पहले लोग ऋण के लिए भटकते थे लेकिन, अब आसानी से मिल जाएगी। कारीगर भी ऋण लेकर अपना काम शुरू कर सकेंगे। यह हैंडीक्राफ्ट उद्योगों को बढ़ाने देने के लिए सरकार ने अच्छा कदम उठाया है। ढोलक की तरह हैंडीक्राफ्ट कारोबार से जुड़े मजदूर अन्य योजनाओं से लाभान्वित हो सकेंगे।
-दीपक अग्रवाल, कारोबारी
लकड़ी के उत्पाद अमरोहा में बनते हैं, पहले कोई नहीं जानता था। ओडीओपी में शामिल होते ही उसकी पहचान बढ़ेगी। इस कारोबार से नए लोग भी जुड़ेंगे। सरकार का यह निर्णय सराहनीय है। देश-विदेश में भी इस कारोबार की पहचान होगी।
–शुभम गोयल, कारोबारी
डीएम निधि गुप्ता वत्स ने बताया कि ओडीओपी में सरकार ने मेटल व लकड़ी उत्पादों को शामिल किया है। अब यह कारोबार रफ्तार पकड़ेगा। प्रशासन स्तर से भी कारोबारियों काे पूरा सहयोग दिया जाएगा। मजदूरों को भी सरकार की योजनाओं से लाभान्वित किया जाएगा।
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