सिंगरौली

कोतवाली क्षेत्र में जारी है अवैध मिटटी का खनन व परिवहन , ज़िम्मेदार ख़ामोश  

प्रशासन के लाख दावों के बाद भी जिले में खेतों से अवैध मिट्टी खनन जारी है। जेसीबी लगाकर खेतों से धड़ल्ले से मिट्टी खनन किया जा रहा है। खनन के बाद ट्रैक्टर ट्राॅलियों में भरकर मुख्य मार्गों से मिट्टी गंतव्य तक पहुंचाई जा रही है। जिम्मेदार तमाशबीन बने हुए है। इसमें अधिकतर मिट्टी कारोबारी के पास जा रही है। कारोबारी विभाग की मिलीभगत से रॉयल्टी की चोरी करते हैं। मंगलवार की दोपहर दो बजे कोतवाली क्षेत्र के महापौर बंगला रोड से होकर गुजर रहा मिट्टी लोड ट्रैक्टर। परमिट के बारे में पूछने पर चालक ने बताया कि इस क्षेत्र में मिट्टी बगैर परमिशन के होता है। इसी तरह बिलौंजी, देवरा ,बलियरी,गनियारी में सरकारी गैर सरकारी जमीनो पर धड़ल्ले से खनन का धंधा चलता है।

अवैध खनन का धंधा खूब फल-फूल रहा

मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी अफसर सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। जिससे अवैध खनन का धंधा खूब फल-फूल रहा है। पुलिस व खनन अधिकारियों से साठगांठ कर माफिया मिट्टी का खनन दिन-रात कर रहे हैं। यही नहीं, नदी व नालों से निकाले गए सफेद सोने को सरकारी जमीन पर डंप किया जा रहा है। जिस पर अफसर कार्रवाई करने के बजाय चुप्पी साधे हुए हैं। 

रॉयल्टी की होती है चोरी, बंटता है हिस्सा

नियमों के मुताबिक, परमिट देते समय ही यह तय किया जाता है कि किस जगह पर कितनी गहराई तक खनन कराया जा सकता है। अगर किसी जगह पर चार फीट खनन का परमिट है, तो वहां 20 फीट खनन कर दिया जाता है। यानी 16 फीट मिट्टी ज्यादा निकाली जाती है और सरकारी खजाने में इसकी रायल्टी जमा नहीं होती है। जब भी शिकायत पर जांच होती है, उसे साठगांठ से दबा दी जाती है। बचने के लिए तर्क दिया जाता है कि उस जगह पर पहले से 16 फीट गड्ढा था, इस वजह से 20 फीट गहरा हो गया। यानी झूठे तर्क से नियम-कानून को खारिज कर अवैध खनन का खेल जारी रखा जाता है।

सिस्टम से जुड़ा है पूरा गिरोह

सूत्रों ने बताया कि इस तरह के अवैध खनन के खेल में सबसे अहम भूमिका खनन विभाग की होती है। विभाग की अनुमति के बिना यह संभव है नहीं। इसके लिए बाकायदा सरकारी सिस्टम से जुड़ा एक गिरोह काम करता है। इसके अलावा एक आदमी को परमिशन मिलते ही उसकी आड़ में तीन अन्य लोग जेसीबी से खनन कैसे करेंगे, यह भी वही तय करता है। फिर, संबंधित विभागों को साधा जाता है।

खनन के लिए परमिशन के ये हैं नियम

-परमिशन लेने वाले को ऐसी जगह से मिट्टी निकालनी होती है, जहां पर कोई सड़क, सार्वजनिक मार्ग, भवन या सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान न हो

– तय मानक से अधिक मिट्टी निकालने पर यह अवैध खनन होगा

– परमिशन के बाद भी अगर सरकार, न्यायालय का कोई नया आदेश आएगा तो उसका पालन करना होगा

– खनन के आसपास के खेतों को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए

– खनन वाली जगह पर अगर पेड़ हो तो उसे नुकसान न पहुंचे

– पर्यावरण स्वच्छता प्रमाण पत्र के प्रभावी नियमों अधिसूचना एवं शर्तों के अनुसार खनन संविदा की जाएगी

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