जनता की अन्तिम उम्मीद बनते पत्रकार, लेकिन चौथे स्तंभ पर उठ रहे सवाल

एनपीटी धनबाद ब्यूरो,
धनबाद (झा०खं०), समाज के चार स्तंभों में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले मीडिया, विशेषकर जमीनी स्तर पर कार्यरत पत्रकारों के प्रति हाल के दिनों में जनता के बीच रोष देखा जा रहा है। जब अन्य तंत्रों पर विश्वास डगमगाने लगता है, तब आमजन की एकमात्र उम्मीद पत्रकारों से जुड़ जाती है। हालांकि, कई स्थानों पर यह देखा जा रहा है कि पत्रकारों पर पक्षपात, निष्क्रियता या जनहित के मुद्दों को नजरअंदाज करने के आरोप लग रहे हैं, जिससे ‘चौथे स्तंभ’ की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जनता का मानना है कि जब पूरा सिस्टम जवाबदेही से पीछे हटता है, तब पत्रकार ही वो माध्यम होते हैं जो उनकी आवाज़ को मंच देते हैं। ऐसे में पत्रकारिता की भूमिका और अधिक जिम्मेदारीपूर्ण हो जाती है। अब वक्त है कि चौथा स्तंभ अपनी साख को और मज़बूत करे, ताकि लोकतंत्र की नींव और भी सुदृढ़ हो सके।