कलेक्टर मृणाल मीना द्वारा स्कूलों की कराई गई जांच रंग लायी

नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो बालाघाट(म0प्र0)
गत माह जिले की 10 स्कूलों में निर्धारित किताबों के अलावा अन्य पुस्तकों से अध्ययन कराने के लिए अभिभावकों पर अन्य प्रकाशकों की पुस्तकें खरीदने का मामला सामने आया था। कलेक्टर मृणाल मीना ने इसकी विस्तृत जांच करने के आदेश के बाद ली गई अधिक राशि वापस कराने के लिए तहसीलदारों की टीम गठित की गई। बुधवार को आयोजित हुई टीएल बैठक में उन्होंने जांच के सम्बंध में समीक्षा की।
जिला शिक्षा अधिकारी अश्वनी कुमार उपाध्याय ने बताया कि जांच के बाद अब तक 221 अभिभावकों को 2 लाख 59 हजार 844 रुपये वापस कराए गए है। टीएल बैठक में कलेक्टर मृणाल मीना ने आपदा प्रबंधन में भारत शासन की गाइड लाइन के मुताबिक हर कार्य को व्यवस्थित कराने के निर्देश दिए है। इसमें 12 सेवाओं के लिए विस्तृत प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही टीवी मुक्त भारत अभियान की समीक्षा के दौरान निर्देश दिए है कि फ़ूड बास्केट के लिए जिला स्तर के अधिकारियों के अलावा ब्लॉक स्तर तक के अधिकारी फ़ूड बास्केट डोनेट करने के लिए आगे आये। बैठक में ही कई अधिकारियों ने राशि डोनेट की। वहीं समीक्षा बैठक के दौरान पेंशन योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा पात्र नागरिकों को लाभ देने के लिए लाड़ली बहना और पीएम किसान सम्मान निधि के नागरिकों के लिए भी शिविर आयोजित कराने के संबंध में निर्देश दिए हैं। इसकी विस्तृत रूपरेखा बनाई जाएगी।
*पाठशाला स्कूल बालाघाट ने की वापस की सबसे अधिक राशि*
निर्धारित किताबों के अलावा अन्य प्रकाशकों की पुस्तकें स्कूलों में प्रचलित कराने के मामलें में बड़ी संख्या में अभिभावकों को राशि वापस कराई गई है।
जिला शिक्षा अधिकारी अश्वनी कुमार उपाध्याय ने जानकारी देते हुए बताया कि पाठशाला स्कूल बालाघाट द्वारा 60 छात्रों/अभिभावकों को 1 लाख 17 हजार रुपये की राशि वापस की गई है।
इसके अलावा जॉनसन किड्स स्कूल बूढ़ी ने 38 छात्रों को 50 हजार रुपये, सतपुड़ा वेली पब्लिक स्कूल ने 60 छात्रों को 44574 रुपये,ओजस स्कूल बालाघाट ने 40 विद्यार्थियों को 26 हजार रुपये, ग्रीन वेली पब्लिक स्कूल ने 13 विद्यार्थियों को 16 हजार और कटंगी में कटेडरा की ट्यूलिप स्कूल ने 10 छात्रों को 6270 रुपये अब तक वापस किये गए है। अभी भी इस सम्बंध में जांच जारी है।
कलेक्टर मृणाल मीना ने इस मामलें में निर्देश दिए है कि जो स्कूल राशि वापस नही कर रहें है, उन पर निर्धारित नियमानुसार 2 लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जाए।
कलेक्टर मृणाल मीना के 22 अप्रैल को दिए आदेशानुसार मप्र निजी विद्यालय (फीस तथा अन्य सम्बंधित विषयों का विनियम) अधिनियम-2017 की धारा-6 व 9 तथा अधिनियम 2020 के नियम 6 (1) (घ) के अनुसार छात्र या अभिभावकों को पुस्तकें एवं अन्य सामग्री केवल चयनित विक्रेताओं से क्रय करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। इसके बाद विस्तृत जांच प्रारम्भ हुई। जांच में आयी अनियमितता के बाद कलेक्टर मृणाल मीना के निर्देशों पर कारण बताओ नोटिस जारी किए गए। तीन दिनों के भीतर एनसीईआरटी द्वारा उपलब्ध कराई गई पुस्तकों के मूल्य को आधार मानकर पालकों व छात्रों से लिया गया अधिक मूल्य की राशि वापस करने का नोटिस जारी किये गए थे।