म्यूल अकाउंट एक असली जाल है, “आसान पैसे कमाने” के झांसे में न आएं: सिंगरौली पुलिस

नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो।
सिंगरौली पुलिस अधीक्षक सिंगरौली मनीष खत्री साइबर हमलों को लेकर लगातार सभी लोगों तक अलग अलग माध्यम से जागरूकता पहुंचाने का काम कर रहे हैं। इस समय लगातार हो रहे साइबर फ्रॉड के लिए जागरूकता बहुत ही जरूरी है। जो सिंगरौली पुलिस द्वारा जन जन तक सोशल मीडिया के माध्यम से पहुंचाई जा रही है और लोगों को इसका सीधा लाभ भी मिल रहा है। इन दिनों नया साइबर फ्रॉड पैर पसार रहा है, जिसमें नव जवान युवाओं और उम्र दराज लोगों को चंद पैसों के लिए जाल में फंसाया जा रहा है। सभी को जानना जरूरी है कि म्यूल अकाउंट कैसे एक असली जाल है।
म्यूल अकाउंट क्या होते हैं?
म्यूल अकाउंट ऐसे बैंक अकाउंट होते हैं जिनका इस्तेमाल जालसाज अपराध से मिले पैसे को ठिकाने लगाने के लिए करते हैं। आजकल, बड़ी संख्या में नकद रखने या इस्तेमाल करने के लिए बहुत सख्त कानून हैं। इसलिए, अगर वे अपने खुद के अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं, तो केवाईसी नियमों की वजह से उन्हें पकड़ना आसान होता है। वे तुरंत पकड़े जा सकते हैं। इस समस्या से बचने के लिए अपराधी किसी तीसरे व्यक्ति के बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं। हो सकता है कि इस तीसरे व्यक्ति को पता भी न हो कि वे अपराधियों के लिए काम कर रहे हैं। इनके खाते का इस्तेमाल मनी म्यूल की तरह होता है।
क्या तरीके अपनाते हैं?
जालसाज ऐसे लोगों को निशाना बनाते हैं जिनके पास पैसे के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है। जैसे बुजुर्ग, अनपढ़ या गरीब। इन्हें पैसे का लालच दिया जाता है जिससे वे अपना अकाउंट खुलवाने के लिए अपनी जानकारी दें या अपने मौजूदा अकाउंट का इस्तेमाल करने दें। इसके अलावा वे नकली पहचान के जरिए अकाउंट खुलवा लेते हैं।
कैसे करते हैं इस्तेमाल?
ज्यादातर म्यूल अकाउंट का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग और फिशिंग स्कैम के लिए किया जाता है। धोखेबाज लोगों को धोखा देकर लेनदेन करने के लिए मजबूर करते हैं। अक्सर लोगों को अपना बैंक अकाउंट विवरण देने के लिए राजी करते हैं। एक बार बैंकिंग सिस्टम में आ जाने के बाद ये अकाउंट सामान्य बैंक अकाउंट की तरह ही काम करते हैं, जिससे बैंकों को इनकी पहचान करना मुश्किल हो जाता है।
क्या है इसका समाधान?
अचानक आने वाले जमा (डिपॉजिट) को पहचानने के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है। संदिग्ध अकाउंट्स में पैसे जमा होने पर इसे फ्रीज करने के लिए बैंकों के बीच कोऑर्डिनेशन जरूरी है। पीड़ितों को केंद्रीय पोर्टल या 1930 हेल्पलाइन पर पर तुरंत सूचना देनी चाहिए एवं साथ ही निकटतम थाने पर जाकर रिपोर्ट दर्ज करानी चाहिए।
आप खुद को कैसे बचाएं?
बैंक के जानकार कहते हैं कि यह सुनिश्चित करें कि आपके अकाउंट में कोई अज्ञात लेनदेन न हो। आपको कोई विश्वसनीय और लालच वाले ऑफर दे तो तुरंत ना करें। मतलब कि उनसे बचें। कोई अनजान व्यक्ति आपके खाते में पैसे ट्रांसफर करने को कहे तो सावधान हो जाएं। इसके साथ ही अनजान लोगों को अपना आधार कार्ड या पैन कार्ड की कॉपी न दें।
बैंकों के लिए क्या है संकेत?
अगर किसी अकाउंट में बहुत बड़ी मात्रा में पैसे जमा हो रहे हैं। पैसे अलग अलग देशों में ट्रांसफर हो रहे हैं। पैसे अचानक एक मुद्रा से दूसरी मुद्रा में बदल रहे हैं। लंबे समय से निष्क्रिय खाते का म्यूल अकाउंट बनने का खतरा बना रहता है।