नगर निगम के खिलाफ व्यापारी भूख हड़ताल पर बैठे

नेशनल प्रेस टाइम्स,ब्यूरो।
मुरादाबाद । बुध बाजार में तेरा दुकानों को बुलडोजर से जमीन डोज कर दिया नगर निगम के मुताबिक यह कार्रवाई अवैध कब्जे के कारण की गई थी क्योंकि दुकानदारों ने सड़क पर अतिक्रमण कर रखा था कार्यवाही के दौरान दुकानदारों और निगम के अधिकारियों के बीच तीखी न उपयोगी हुई और प्रशासन में शक्ति दिखाते हुए सामान जप्त किया इसके विरोध में व्यापारी भूख हड़ताल पर बैठ रहे हैं एक तरफ नगर निगम पूरे शहर में अतिक्रमण हटा रहा है वहीं शहर मे भाजपा नेताओं के कब्जों को हटाने की हिम्मत अधिकारी नहीं जुटा पा रहे हैं।
13 दुकानों पर हुई कार्यवाही के बाद नगर निगम ने तर्क दिया कि अतिक्रमण हटाने के लिए यह अभियान चलाया गया है जिससे सड़कों को साफ किया जा सके और यातायात को शुभम बनाया जा सके निगम ने नियमों के अनुसार कार्रवाई की है और अवैध कब्जे को हटाया।
कार्रवाई के बाद दुकानदार नगर निगम के अधिकारियों पर वादक खिलाफी का आरोप लगाते हुए के बाद अपने परिवार के साथ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। दुकानदार निगम की कार्यवाही का विरोध कर रहे हैं।
दुकानदार रतन भाटिया ने नेशनल प्रेस टाइम्स को बताया कि शनिवार को निगम की टीम में कार्रवाई करते हुए 13 दुकानों को बुलडोजर से दस्त कर दिया निगम को स्मार्ट सिटी के तहत टाउन हॉल परिसर में बन रही मार्केट 13 दुकानें हम दुकानदारों को देनी था जिसका निगम के अधिकारियों ने वादा किया था। निगम के अधिकारी अजीत सिंह, अतुल कुमार, ए के मित्तल और अनिल कुमार सिंह ने वादा किया था कि इन दुकानों के बदले टाउन हॉल परिसर में पक्की दुकानें बनाकर दी जायेंगी।
जिसके एवज में कोई प्रिमियम चार्ज नहीं लिया जाएगा और किराया नहीं 370 रुपए प्रति माह लिया जायेगा जिसके बाद सभी दुकानदार निगम के इस वादे से सहमत हुए और सहमति पत्र दे दिया।
रतन भाटिया का कहना है कि कुछ समय बाद टाउन हॉल परिसर में नई दुकानें बनकर तैयार हो गई तो ये अपने वादे से मुकर गए और आठ हजार रुपए प्रिमियम आठ हजार आठ सौ रुपए किराया 18% जीएसटी का नोटिस भेज दिया गया।
नोटिस आने के बाद दुकानदारों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और उन्हें स्टे मिल गया और वह दुकानों पर काबिज रहे लेकिन लगभग डेढ़ माह पहले हाई कोर्ट ने स्टॉक खारिज कर दिया और कहा कि 8 लाख जमा कर दुकान ले लीजिए उन्होंने आरोप लगाया कि निगम ने बाद में दुकानदारों से कोई वार्ता नहीं की जिसके बाद वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और याचिका दायर की इस दौरान सुनवाई होती उससे पहले ही निगम ने दुकानों को बलपूर्वक ध्वस्त कर दिया।
दुकानदार गिरधर कुमार भाटिया ने बताया कि निगम ने वादा खिलाफी की है पहले वादा किया और बाद में उससे पलट गये। आरोप है कि निगम ने दुकानों को बलपूर्वक ध्वस्त कर दिया सामान निकालने के लिए दो तीन दिन का समय भी नहीं दिया। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि निगम के लोग उनके खोखे और सामान भी ले गये। उन्होंने कहा निगम के अधिकारियों का तानाशाही रवैया है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सुनवाई नहीं होती है तो निगम के अधिकारी अजीत सिंह के आवास पर धरना दिया जाएगा।
दुकान स्वामी शमशाद आलम ने बताया कि 1948 से उनकी दुकानें हैं और रोजी रोटी कमाने का उनके पास यही एक जरिया था। जिसे निगम ने 15 मिनट में ध्वस्त कर दिया हमारे पूर्वजों की 77 साल की मेहनत को 15 मिनट में जमींदोज कर दिया गया। निगम ने अपना किया हुआ वादा पूरा नहीं किया जिसकी वजह से हम बेरोजगार हैं और अपनी ध्वस्त की हुई दुकानों पर बैठे हुए हैं।