सहायक वंदिता का छह दिवसीय कत्थक कार्यक्रम का का आयोजन किया गया

नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो
शामली। सोमवार को शहर के बीएसएम स्कूल में लखनऊ के प्रतिष्ठित बिरजू महाराज इंस्टीट्यूट से कत्थक प्रशिक्षिका रुचि बलूनी व उनकी सहायक वंदिता का छह दिवसीय कत्थक कार्यक्रम का का आयोजन किया गया। जिसमें छात्र-छात्राओं ने बढचढकर हिस्सा लिया।
सोमवार को कार्यक्रम का शुभारंभ चेयरमैन छाया सिंह, प्रबंधक सूर्यवीर सिंह, प्रधानाचार्य राहुल चौधरी व प्रशिक्षिका रुचि बलूनी व उनकी सहायक वंदिता ने किया। उन्होने बताया कि कत्थक नृत्य प्रशिक्षण कार्यशाला 19 मई से 24 मई तक प्रतिदिन प्रातः साढे 9 से 12 बजे तक चलेगी। जिसका समापन 25 मई को किया जाएगा। जिसमें प्रतिभागी विद्यार्थीयों व 10 वर्ष से ऊपर की सभी महिलाएं व लड़कियां अपनी सीखी गई प्रस्तुतियों का प्रदर्शन करेंगे। रुचि बलूनी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी सांस्कृतिक आयोजन की शुरुआत द्वीप प्रज्वलन से करना न केवल हमारी परंपरा है बल्कि यह ज्ञान, शांति और ऊर्जा का प्रतीक भी है, और कत्थक केवल एक नृत्य नहीं, यह आत्मा अभिव्यक्ति, इतिहास और परंपरा का समृद्ध संगम है। उन्होंने बताया कि कथक नृत्य की उत्पत्ति प्राचीन भारत में हुई थी और इसका आरंभ वैदिक युग या उससे पहले के समय में माना जाता है। इसकी शुरुआत एक कहानी कहने की परंपरा (कथा) के रूप में हुई, जिसमें कत्थक नामक व्यक्ति देवी- देवताओं की कथाएं नृत्य और अभिनय के माध्यम से प्रस्तुत करते थे। उन्होंने लोक नृत्य और शास्त्रीय नृत्य के बीच अंतर बताते हुए कहा कि शास्त्रीय नृत्य अनुशासन और परंपरा का प्रतीक है जबकि लोक नृत्य जीवन की सहजता, उत्सव और सामाजिक संस्कृति का प्रतिबिंब होता है। दोनों ही भारतीय संस्कृति की धरोहर है। हमें गर्व है कि हम इसे नई पीढ़ी तक पहुंचा रहे हैं। तदुपरांत रुचि बलूनी व उनकी सहायक वंदिता द्वारा कत्थक की सुंदर प्रस्तुतियों के साथ प्रशिक्षण सत्र का आरंभ हुआ, जिसमें छात्रों ने बड़ी रुचि और अनुशासन के साथ भाग लिया। इस कार्यशाला में प्रथम दिवस छात्र-छात्राओं को कत्थक की मूलभूत तकनीकें, हस्त मुद्राएं, ताल, फुटवर्क, पताका हस्त मुद्रा, प्रणाम व गणेश वंदना का प्रारंभिक प्रशिक्षण दिया गया।