विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, मथुरा निजीकरण के विरुद्ध आवाज़ बुलंद

नेशनल प्रेस टाइम्स,ब्यूरो।
मथुरा, विद्युत कर्मचारियों का संघर्ष जारी है। संघर्ष समिति ने कहा कि कंसल्टेंट की नियुक्ति के समय जारी किए गए आर एफ पी डॉक्यूमेंट में वर्ष 2020 के ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट का हवाला दिया गया है। ऐसी स्थिति में एनर्जी टास्क फोर्स की बैठक में 09 अप्रैल 2025 के कथित ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट पर प्रस्तुतीकरण किया जाना पूरी तरह गलत होगा।
संघर्ष समिति ने टाटा पावर के प्रबंध निदेशक प्रवीर सिन्हा के मुंबई से जारी किए गए वक्तव्य पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की है। टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित समाचार के अनुसार टाटा पॉवर के एम डी ने कहा है कि हमारे डिस्कसन के आधार पर बिडिंग डॉक्यूमेंट तैयार किया गया है और टाटा पॉवर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की बिडिंग में भाग लेने के लिए तैयार है। संघर्ष समिति ने कहा कि टाटा पावर के प्रबंध निदेशक का यह बयान पावर कारपोरेशन के चेयरमैन और कार्पोरेट घरानों की मिलीभगत को पूरी तरीके से उजागर कर देता है। संघर्ष समिति ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के पीछे भारी भ्रष्टाचार हो रहा है और आश्चर्य की बात यह है कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की नीति को धता बताते हुए चेयरमैन निजीकरण करने पर आमादा हैं। संघर्ष समिति के आह्वान पर आज प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर दिन भर विरोध सभा हुई। कान्हा की नगरी जनपद मथुरा में कामरेड धर्मेंद्र सभागार प्रांगण, काली मंदिर के पास कैंट कार्यालय मथुरा में 12 बजे से 3 बजे तक हुई विरोध सभा में सभी बिजली कर्मचारियों ने निजीकरण के विरुद्ध अपनी आवाज़ बुलंद की। संघर्ष समिति मथुरा के पदाधिकारियों इं राहुल चौरसिया, इं सचिन द्विवेदी, इं देवेन्द्र तिवारी , इं मनीष कुमार, इं गया सिंह, इं मानवेंद्र सिंह, मनीष, ग्यान प्रकाश, प्रदीप सागर, नरेंद्र, कन्हैया, रामवीर, आदि ने कहा है कि निजीकरण स्वीकार्य नहीं है और निजीकरण नहीं होने देंगे |