

नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो
ललितपुर जिले में एलयूसीसी चिटफण्ड कंपनी के जरिए हजारों करोड़ रुपये की ठगी के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। इस घोटाले के मास्टरमाइंड रवि तिवारी को गैंगलीडर घोषित करते हुए उनके और 18 अन्य अभियुक्तों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की धारा 2/3 के तहत कार्रवाई शुरू की गई है। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक मो. मुश्ताक के निर्देश पर बीती रात की गई, जो इस मामले में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाइयों में से एक है। एलयूसीसी नामक चिटफंड कंपनी ने उत्तर प्रदेश सहित देश के आठ राज्यों और 22 जनपदों में अपने ठगी के जाल को फैलाया था। कंपनी के एजेंट्स ने ग्रामीणों, किसानों और आम लोगों को कम समय में पैसे दोगुना करने, नकद पुरस्कार, कार और अन्य लुभावने ऑफर्स का झांसा देकर उनकी मेहनत की कमाई हड़प ली। फर्जी दस्तावेजों, सेमिनारों और प्रचार के जरिए लोगों को निवेश के लिए प्रेरित किया गया। जब निवेशक अपने पैसे वापस मांगते, तो उन्हें धमकियां दी जातीं या गुमराह किया जाता। इस घोटाले में हजारों करोड़ रुपये की ठगी होने का अनुमान है, जिसने कई परिवारों को आर्थिक संकट में डाल दिया। ललितपुर पुलिस ने इस मामले में ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए रवि तिवारी को गैंग का सरगना घोषित किया है।
रवि तिवारी, जो पहले भी इस मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं, पर 35,000 रुपये का इनाम था। उनके साथ अन्य 18 अभियुक्तों पर भी गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। गैंगलीडर रवि तिवारी के साथ आलोक कुमार जैन उर्फ आलोक जैन-पुत्र कैलाश चंद्र जैन, जगत सिंह उर्फ तन्सू पुत्र पूरन सिंह, नीरज जैन उर्फ बन्टी जैन पुत्र मुन्नालाल जैन, मानसिंह पुत्र गोपाल अहिरवार, अशोक कुमार अहिरवार पुत्र कनोजीलाल, द्वारिका प्रसाद झा पुत्र पुत्र स्व. हरप्रसाद उर्फ हल्के झा, सतीश चंद्र जैन पुत्र डमरूपाल जैन, रामनरेश साहू पुत्र रामस्वरूप साहू, महेश प्रसाद रजक पुत्र स्व. प्रागीलाल, सुरेन्द्रपाल सिंह पुत्र स्व. मलखान सिंह, हरदेव पटेल पुत्र जालम सिंह, राहुल तिवारी पुत्र तिलक राम तिवारी, मुकेश कुमार जैन पुत्र भागचंद्र जैन, विनोद कुमार तिवारी उर्फ रानू पुत्र तिलकराम तिवारी, विशाल खुराना पुत्र अमृतलाल खुराना, भरत वर्मा पुत्र स्व. जगदीश वर्मा, राजेन्द्र कुमार गुप्ता उर्फ राजू, पुत्र स्व. महेश चंद्र गुप्ता, जितेन्द्र सिंह निरंजन पुत्र स्व. रतनसिंह ,निरंजन को भी गैंग में सक्रिय सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। इन अभियुक्तों ने संगठित गिरोह बनाकर ठगी की वारदातों को अंजाम दिया। पुलिस ने इनके खिलाफ पहले ही कई मुकदमे दर्ज किए हैं, और अब गैंगस्टर एक्ट के तहत उनकी संपत्तियों को कुर्क करने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। हालांकि पुलिस की कार्रवाइयों से ठगी के दोषियों पर शिकंजा कसा जा रहा है, लेकिन निवेशकों के पैसे वापस होने को लेकर अभी कोई स्पष्ट नीति या रुख सामने नहीं आया है। पीड़ित निवेशक अपनी मेहनत की कमाई वापस पाने की उम्मीद में प्रशासन और सरकार की ओर टकटकी लगाए हुए हैं। स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि दोषियों की संपत्तियों को कुर्क कर पीड़ितों को उनका पैसा लौटाया जाए। गिरफ्तारियां इस मामले में अब तक रवि तिवारी, आलोक जैन, नीरज जैन, राहुल तिवारी, मुकेश जैन, राघवेंद्र सहित 13 से अधिक अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है। बरामदगी रवि तिवारी के कब्जे से मर्सडीज, फॉच्यूनर, हुंडई अल्काजार जैसी लग्जरी गाडियां और कंपनी के महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए हैं। हिस्ट्रीशीट तीन मुख्य अभियुक्तों की हिस्ट्रीशीट खोली गई है। ईडी की जांच प्रवर्तन निदेशालय इस घोटाले की गहराई से जांच कर रहा है, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग के पहलुओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है।