नैनो डीएपी (तरल) उर्वरक का उत्पाद कर देश का पहला राज्य बना यूपी

नेशनल प्रेस टाइम ,ब्यूरो
बरेली। उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक बड़ी सौगात सामने आई है। इफको के आंवला स्थित नैनो संयंत्र में अब नैनो डीएपी (तरल) उर्वरक का भी उत्पादन शुरू हो गया है। इससे यूपी न केवल तरल नैनो यूरिया बनाने वाला अग्रणी राज्य बना है, बल्कि अब वह देश का पहला राज्य बन गया है जहाँ नैनो डीएपी (तरल) का उत्पादन भी किया जा रहा है। यह नैनो डीएपी उर्वरक 8 प्रतिशत नाइट्रोजन और 16 प्रतिशत फॉस्फोरस युक्त है, जो किसानों के लिए पारंपरिक डीएपी का सशक्त और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प सिद्ध हो सकता है।
इससे पहले इस संयंत्र में केवल नैनो यूरिया (तरल) का उत्पादन किया जाता था, लेकिन अब एक ही संयंत्र में दोनों महत्वपूर्ण उर्वरकों का उत्पादन होना शुरू हो गया है। यह पहल न केवल उत्पादन क्षमता को बढ़ाएगी, बल्कि इससे उर्वरक की उपलब्धता भी बेहतर होगी और किसानों को समय पर गुणवत्ता युक्त उर्वरक आसानी से उपलब्ध हो सकेगा।
सफलतापूर्वक बनी पहली खेप,अधिकारियों और कर्मचारियों में खुशी की लहर संयंत्र के महाप्रबंधक मुकेश खेतान ने इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि नैनो डीएपी (तरल) भारत में उर्वरक क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव साबित होगा। उन्होंने बताया कि संयंत्र में पहली खेप का उत्पादन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है और इसकी गुणवत्ता की जांच व निगरानी संयंत्र के लैब कंट्रोलर डॉ. रवि गुप्ता और आशीष गुप्ता द्वारा की गई।
इस उपलब्धि के अवसर पर इफको आंवला इंप्लाइज यूनियन और अधिकारी संघ के पदाधिकारियों ने सभी कर्मचारियों को बधाई दी। संयंत्र में उत्साह का माहौल रहा, वहीं किसान समुदाय में भी इस खबर को लेकर काफी हर्ष है। अब उन्हें तरल डीएपी उर्वरक के लिए लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा, जिससे उनकी खेती और उत्पादकता दोनों में सुधार की उम्मीद जताई जा रही !