ईदगाह भूमि विवाद पर प्रशासनिक टीम पहुंची, निस्तारण टला, महिलाओं में रोष

एई को एसडीएम ने फोन पर लगाई फटकार, भूख हड़ताल कर चुकीं महिलाएं बोलीं, न्याय नहीं मिला
नेशनल प्रेस टाइम्स। ब्यूरो
चौसाना। जिजौला में ईदगाह भूमि विवाद को लेकर जारी तनाव थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक दशक पूर्व हुए बैनामे की भूमि को ईदगाह में शामिल करने और लोक निर्माण विभाग की जमीन में कथित कब्जा देने के विरोध में प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं की शिकायत पर मंगलवार को प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा, लेकिन कोई ठोस निस्तारण नहीं हो सका। पीड़ित महिलाओं ने अधिकारियों पर पक्षपात के आरोप लगाए हैं। वहीं एसडीएम ने मौके पर अनुपस्थित रहे PWD अधिकारियों को फटकार लगाई है।
ऊन तिराहे के निकट जिजौला में वर्षों पुराने भूमि विवाद ने बीते सप्ताह तब तूल पकड़ लिया, जब स्थानीय महिलाओं ने भूख हड़ताल शुरू कर दी। उन्होंने आरोप लगाया कि बैनामे की वैध भूमि को ईदगाह में मिलाकर पीड़ित पक्ष को कब्जे से वंचित किया जा रहा है, जबकि लोक निर्माण विभाग की भूमि में जबरन कब्जा देने की कोशिश हो रही है। महिला प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन से निष्पक्ष जांच और तत्काल समाधान की मांग की थी।
इस मामले में तहसील प्रशासन हरकत में आया और मंगलवार को एसडीएम शामली हामिद अंसारी, तहसीलदार मृदुला दुबे के साथ राजस्व निरीक्षक अजीत सिंह, लोकेश सैनी व अन्य लेखपालों की टीम मौके पर पहुंची। इसके साथ लोक निर्माण विभाग के दो मेहट और बेलदार तथा भारी पुलिस बल भी मौजूद रहा। भूमि की घंटों तक पैमाइश चली, लेकिन PWD के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे, जिससे निर्णय टल गया।
एसडीएम ने मौके से ही PWD के एई ईश्वर दत्त को फोन पर फटकार लगाते हुए कहा कि विभाग की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिए कि बुधवार को मौके पर पहुंचकर विभागीय टीम स्थायी समाधान सुनिश्चित करे।
महिलाओं का फूटा गुस्सा
वहीं पीड़ित महिलाओं ने आरोप लगाया कि राजस्व अधिकारी केवल औपचारिकता निभाकर चले गए।
मौके पर सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ जमा रही, जो शांतिपूर्ण तरीके से प्रशासन के फैसले का इंतजार करती रही।
फिलहाल प्रशासन ने पीड़ित पक्ष से संबंधित बैनामे कब्जे में लेकर आगामी कार्रवाई के लिए PWD को तलब किया है। अब देखना होगा कि बुधवार को विभागीय अफसर क्या रुख अपनाते हैं।