हेमन्त सरकार पर उठाए सवाल, संवैधानिक संस्थाएं ठप- बाबूलाल मरांडी

नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो,
रांची, झारखण्ड के प्रथम मुख्यमंत्री सह- भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमन्त सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार ने अधिकांश संस्थाओं को निष्क्रिय कर दिया है। बहुत सी संस्थाओं में नियुक्तियां नहीं की गई हैं, कई जगहों पर तो अध्यक्ष तक नियुक्त नहीं हुए हैं। सरकार ने इन सभी संस्थाओं को जानबूझकर निष्क्रिय कर दिया है। कहा पिछले पाँच वर्षों से लोकायुक्त का पद भी खाली पड़ा है। यहां तक कि लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं हुई है, जिससे जनता अपनी शिकायतें दर्ज नहीं कर पा रही है। यदि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) खुद कोई गलत कार्य करे, तो उसके खिलाफ शिकायत कहां होगी? सूचना आयुक्त का पद भी खाली है। इस कारण सूचना आयोग भी निष्क्रिय हो गया है। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार खुद ही कोई सूचना देना नहीं चाहती, इसीलिए यह पद भी रिक्त रखा गया है। उन्होंने कहा कि महिला आयोग का पद भी खाली है, जिसके कारण महिलाओं से जुड़े 5000 से अधिक मामले लंबित पड़े हैं। उपभोक्ता फोरम की स्थिति भी दयनीय है। राज्य के दर्जनों जिलों में उपभोक्ता फोरम में अध्यक्ष नहीं हैं, जिससे उपभोक्ताओं की शिकायतों का निपटारा नहीं हो पा रहा। हेमन्त सरकार ने सभी संवैधानिक संस्थाओं को अपंग बना दिया है, ताकि बड़ी मछलियों (बड़े अपराधियों या भ्रष्टाचारियों) को बचाया जा सके। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि पहले यह बहाना बनाया जाता था कि विपक्ष के नेता की नियुक्ति नहीं हुई है, लेकिन जिन आयोगों के लिए विपक्ष के नेता की आवश्यकता नहीं होती, वे संस्थाएं भी ठप पड़ी हैं। हम मांग करते हैं कि सभी संवैधानिक संस्थाओं को अविलंब पुनः सक्रिय किया जाए। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों से हेमन्त सोरेन को काम करने से किसने रोका था? अब मैं भारत सरकार से भी कहूंगा कि हेमन्त सरकार को कोई सहायता न दी जाए। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य में अपराध करवाने के लिए डीजीपी अनुराग गुप्ता को नियुक्त किया गया है, जबकि अनुराग इस पद के लिए वैधानिक रूप से योग्य नहीं हैं, क्योंकि वे पहले ही रिटायर हो चुके हैं।