बुन्देलखण्ड विकास निधि के कार्यो पर संकट के बादल।

तकनीकी बिड खुलने के बाद ठेकेदारों ने जतायी आपत्ति, बैठी जांच।
नेशनल प्रेस टाइम्स,ब्यूरो।
ललितपुर । बुन्देलखण्ड विकास निधि (राज्यांश) के तहत करोडों रूपये के कार्यों पर संकट के बाद नजर आ रहे हैं। प्रांतीय खण्ड लोक निर्माण विभाग में राज्यांश के तहत होने वाले कार्यों के लिये टेण्डर प्रक्रिया होने के बाद तकनीकी बिड खुलने के बाद ठेकेदारों द्वारा की गयी शिकायत को लेकर जांच चल रही है, जिस कारण वित्तीय बिड न खुलने से कार्य शुरू नहीं हो पा रहे हैं। विदित हो कि राज्यांश योजना के कार्य पूर्व में ग्रामीण अभियंत्रण विभाग द्वारा कराये जाते थे। इस वर्ष शासन द्वारा इन कार्यों को कराने की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग को सौंपी गयी है, जिसमें इस वर्ष 17 निर्माण कार्यों को कराया जाना था, जिसमें शासन द्वारा 17 किलो 600 मीटर संपर्क मार्ग के लिये 1576.89 लाख रूपये स्वीकृत किये गये थे। जिसमें प्रथम किस्त के रूप में शासन द्वारा 788.45 लाख रूपये की धनराशि कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग को अवमुक्त किया गया था।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में शासन द्वारा जनपद के 17 ग्रामीण क्षेत्रों में सम्पर्क मार्ग निर्माण की स्वीकृति शासन द्वारा दी गयी थी, जिसमें पूर्व में शासन द्वारा कार्य कराये जाने की जिम्मेदारी ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की थी, लेकिन इस वर्ष शासन द्वारा निर्माण कार्य कराने की जिम्मदारी लोक निर्माण विभाग को सौंपी गयी थी। लोक निर्माण विभाग को इन कार्यों को कराने की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। बताया गया कि 17 में से 11 काम कराने की जिम्मेदारी प्रांतीय खण्ड लोक निर्माण विभाग एवं 6 कार्यों को कराने की जिम्मेदारी निर्माण खण्ड लोक निर्माण विभाग को दी गयी थी। बताया गया है कि दोनों खण्ड के अधिशासी अभियंता द्वारा निर्माण कार्य कराने के लिये टेण्डर प्रक्रिया की गयी थी, जिसमें निर्माण खण्ड लोक निर्माण विभाग द्वारा टेण्डर प्रक्रिया के बाद तकनीकि बिट एवं वित्तीय बिड खुलने के बाद काम शुरू करा दिये गये हैं। वहीं दूसरी ओर प्रांतीय खण्ड लोक निर्माण विभाग द्वारा टेण्डर प्रक्रिया के बाद तकनीकि बिड खोली गयी, जिसमें ठेकेदारों को आपत्ति हुयी जिसकी शिकायतें की गयी, जिस कारण पूरे प्रकरण पर जांच बैठा दी गयी है। जांच के बाद ही वित्तीय बिड खोली जायेगी। इसके बाद ही निर्माण कार्य कराये जाने की उम्मीद है। वहीं लोगों का कहना है कि ठेकेदारों की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले निर्माण कार्य में बेवजह देर हुयी है। इस संबंध में जब अधिशासी अभियंता प्रांतीय खण्ड लोक निर्माण विभाग से जानकारी चाही, तो उनके द्वारा सहायक अभियंता से जानकारी करने की बात कही।