अनोखे अंदाज में वीडियो कॉलिंग के माध्यम से महिला होमगार्ड जवानों ने की वट सावित्री पूजा

बासु कुमार मरीक
नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो, गोड्डा (झा०खं०), महागामा के आसपास के इलाकों में वट सावित्री पर्व पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस पावन अवसर पर सुहागिन महिलाओं ने वटवृक्ष (बरगद के पेड़) की पूजा-अर्चना कर अपने पति की लंबी उम्र, अच्छी सेहत और अखंड सौभाग्य की कामना की। महिलाओं ने निर्जला व्रत रखा और बरगद के पेड़ की परिक्रमा कर सूत बांधा। वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर लाल जोड़े में वटवृक्ष की पूजा करती हैं। पूजा के दौरान बरगद के पेड़ पर सूत लपेटकर परिक्रमा की जाती है और पति की सलामती के लिए प्रार्थना की जाती है। पौराणिक कथा के अनुसार, माता सावित्री ने अपने पति सत्यवान के प्राणों की रक्षा के लिए मृत्यु के देवता यमराज को अपना फैसला बदलने पर मजबूर कर दिया था। सावित्री के इस समर्पण और साहस ने उन्हें नारी शक्ति का प्रतीक बना दिया। तभी से सुहागिन महिलाएं इस व्रत को अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए करती हैं। महागामा में सुबह से ही बटवृक्ष के पास महिलाओं की भीड़ देखी गई। महिलाओं ने नजदीकी वटवृक्षों पर पूजा-अर्चना की। व्रत करने वाली एक महिला ने कहा, “यह व्रत माता सावित्री के समर्पण का प्रतीक है। हम निर्जला व्रत रखकर अपने पति की सलामती और अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना करते हैं।” इस पर्व पर महिलाओं ने पारंपरिक परिधानों में वटवृक्ष के नीचे पूजा सामग्री जैसे रोली, चंदन, फूल और फल के साथ विधि-विधान से पूजा की। वट सावित्री पूजा पूजा करती महिलाएं कला कुमारी खुशबू कुमारी, बिना कुमारी।अन्य।