सिंगरौली

जियावन थाने में पदस्थ एएसआई पर लग रहे गंभीर आरोप, पीड़ित ने की एसडीओपी से शिकायत

एक पिकअप पलटने के मामले में आरोपी को बचाने दबा दी एक्सरे सहित अन्य मेडिकल रिपोर्ट

नेशनल प्रेस टाइम्स, ब्यूरो।

  सिंगरौली। जियावान थाने में पदस्थ एएसआई तेज बहादुर सिंह पर एक पिकअप पलटने के मामले में आरोपी को बचाने का आरोप लगाया जा रहा है दरअसल घटना करीब डेढ़ वर्ष पूर्व की है बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश राज्य से कुछ मजदूर पिकअप पर सवार होकर जीयावन थाना क्षेत्र के पुरवा गांव अपने घर जा रहे थे तभी देवगवां के पास पिकअप वाहन पलट गया जिसमे सवार करीब आधा दर्जन लोगों को गंभीर चोटें आई थी घटना कि प्राथमिकी जियावन थाने में दर्ज करने के बाद घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था अब पीड़ितों का आरोप है कि विवेचना अधिकारी तेज बहादुर सिंह ने आरोपी को बचाने के चक्कर में न्यायालय को चालान पेश करने में हिलाहवाली की गई बताया गया कि कई पीड़ितों को गंभीर छोट लगी थी शरीर के अंग फैक्चर भी हुए थे लेकिन मामूली चोट बताकर आरोपी को बचाने की कहानी गढ़ दी गई जीयावन थाना क्षेत्र के पुरवा निवासी राम सियामन कोल ने एसडीओपी देवसर से इस पूरे मामले की शिकायत की है। 

यह है मामला

घटना के संबंध में पुरवा निवाशी पीड़ित राम सियामन ने बताया कि मेरे अलावा अन्य कुछ मजदूर धान की कटाई करने उत्तर प्रदेश राज्य के सोनभद्र जिले में गए थे दिनांक 9 जनवरी 2024 को 8 बजे रात ग्राम तरावा जिला सोनभद्र से एक पिकअप वाहन में सवार होकर मजदूर मीरा देवी इन्द्रकली रानी देवी बुटरनिया विनोद कोल मनीष तेजबली अपने गांव पुरवा जा रहे थे करीब 1:30 बजे रात देवगवां नहर में पिकअप क्रमांक यूपी 64 एटी 5619 का चालक तेज रफ्तार की बजह से पलटा दिया घटना मे सभी लोगों को गंभीर चोट लगी थी। 

गंभीर रूप से घायल हुए थे मजदूर

इस हादसे में कई मजदूर गंभीर रूप से घायल हुए थे जिनका उपचार सिंगरौली हॉस्पिटल में भी चला था पीड़ित के अनुसार घायलों का सिंगरौली हॉस्पिटल में भी चार दिन तक इलाज चला था हादसे में मीरा देवी इन्द्रकली तेजबली दीपक कोल के हाथ पैर फैक्चर हो गए थे तथा मजदूर विनोद कोल के सिर में गंभीर चोट लगी थी जिस वजह से दिमाग की हालत अभी भी ठीक नहीं है। 

आरोपी को बचाने का आरोप

पीड़ित राम सियामन ने एसडीओ देवसर को दिए गए शिकायत पत्र में बताया है कि विवेचना अधिकारी तेज बहादुर सिंह ने एक्सरे रिपोर्ट सहित अन्य मेडिकल रिपोर्ट शामिल नहीं किया है जिस वजह से आरोपी पिकअप चालक एवं मलिक दोनों के खिलाफ गंभीर धाराएं नहीं लगी हैं तथा पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पा रहा है। 

इनका कहना है। 

जब इस मामले में एसडीओपी देवसर राहुल सैयाम से बात कि गयी तो उन्होंने बताया कि फ़रियादी ने आवेदन दिया है और मामले की जाँच जारी है जाँच के बाद ही कुछ बता पायेंगे।

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