मदरसा शिक्षक बहाली में गड़बड़ी का आरोप, उपायुक्त से जांच की मांग

नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो,
साहेबगंज (झा०खं०), साहेबगंज जिले के बरहरवा प्रखण्ड क्षेत्रान्तर्गत नया जुहीबोना एवं हस्तीपाड़ा के ग्रामीणों एवं अभ्यर्थियों ने मंगलवार को उपायुक्त साहेबगंज को ज्ञापन सौंपा, जिसमें मदरसा दिनिया जाबेदिया नया जुहीबोना में हो रही शिक्षक बहाली प्रक्रिया में गंभीर अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोप लगाये गये है। ज्ञापन में कहा गया है कि मदरसा के प्रधान मौलवी, सचिव एवं अध्यक्ष ने मिलीभगत कर अपने-अपने रिश्तेदारों की नियुक्ति कराने की साजिश रची है। ज्ञापन में बताया गया है कि जिन चार महिलाओं की नियुक्ति सुनिश्चित की जा रही है, वे सभी पदधारियों के निकट सम्बन्धी हैं- जैसे कि सचिव हेमाईतुर रहमान की पत्नी सविना यासमीन, अध्यक्ष की पुत्रियां मुकसेमा खातून और तकसीमा खातून, तथा सचिव की रिश्तेदार अजमीरा खातून। ग्रामीणों का कहना है कि बहाली की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है और इसमें भारी अनियमितता हो रही है। आरोप है कि इससे अन्य उम्मीदवारों से 20 लाख रुपये की मांग की गई है। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि मदरसा को नियमविरुद्ध तरीके से ग्राम नया जुहीबोना से हटाकर ग्राम हस्तीपाड़ा में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां पहले से ही एक सरकारी मदरसा और विद्यालय मौजूद हैं। इससे नया जुहीबोना क्षेत्र के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि बच्चों की उपस्थिति की फर्जी एंट्री की जा रही है और मध्यान्ह भोजन योजना का संचालन भी ठीक तरीके से नहीं हो रहा है। साथ ही, ग्रामीणों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी पर भी मदरसा समिति से मिलीभगत का आरोप लगाया है और मांग की है कि जांच किसी स्वतंत्र वरिष्ठ अधिकारी से कराई जाए। अंत में, ग्रामीणों ने उपायुक्त से मांग की है कि वर्तमान मदरसा कमेटी को तत्काल प्रभाव से भंग किया जाए और शिक्षक बहाली प्रक्रिया को तब तक रद्द किया जाए, जब तक कि नई कमेटी का गठन नहीं हो जाता है। वही उक्त मामले में मदरसा के प्रभारी प्रधान मौलवी मो. शरीफुद्दीन ने कहा कि लगाया गये आरोप बेबुनियाद है। झारखण्ड अधिविद्य परिषद के द्वारा जारी दिशा निर्देश के अनुसार ही पारदर्शिता के साथ ही बहाली किया जायेगा। रिश्तेदारों की बहाली की बात मनगढ़ंत है, बहाली प्रक्रिया अभी चल रही है और साक्षात्कार कमेटी और प्राप्तांक के आधार पर ही जो सबसे योग्य उम्मीदवार होगा उसी का चयन होगा। साथ ही मदरसा के जमीन स्थानांतरण के बारे में उन्होंने बताया कि यह बातें भी बुनियाद है। इससे सम्बन्धित जांच अंचलाधिकारी बरहरवा द्वारा किया जा चुका है। बहरेहाल जो भी हो झारखण्ड के मदरसा शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया में मदरसा प्रबंधन कमिटी और हेड मौलवी की भूमिका निरस्त करते हुए सिर्फ जैक के द्वारा ही नियुक्ति सम्बन्धी नियमावली बनाने की जरूरत महसूस हो रही है। क्योंकि वर्तमान मदरसा शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया में अक्सर हेड मौलवी और प्रबंधन कमिटी की ही भुमिका को लेकर आरोप लगते रहना जगजाहिर है ।