बागपत

सेंट आर० वी० कॉन्वेंट स्कूल, जिवाना बिनौली में तीन दिवसीय ग्रीष्मकालीन शिविर का भव्य समापन – विद्यार्थियों ने दिखाई अद्भुत प्रतिभा

नेशनल प्रेस टाइम्स,ब्यूरो।

बागपत, बिनौली । बागपत जिले के बिनौली ब्लॉक अंतर्गत सेंट आर० वी० कॉन्वेंट स्कूल, जिवाना में दिनांक 26 मई से 28 मई तक आयोजित तीन दिवसीय ग्रीष्मकालीन शिविर का समापन आज बड़े हर्षोल्लास से संपन्न हुआ। इस विशेष आयोजन ने न केवल विद्यार्थियों की प्रतिभा को उजागर किया, बल्कि उनमें नेतृत्व, आत्मविश्वास, अनुशासन और रचनात्मकता जैसे मूल्यों का भी संचार किया।

शिविर के दौरान विद्यार्थियों ने कई प्रकार की गतिविधियों में भाग लेकर अपने हुनर का शानदार प्रदर्शन किया। इनमें प्रमुख रूप से –

  • योग अभ्यास और ध्यान सत्र
  • रचनात्मक लेखन और आर्ट एंड क्राफ्ट
  • बिना आग के खाना बनाना (फायरलेस कुकिंग)
  • नृत्य और संगीत प्रस्तुति
  • खेलकूद और टीम बिल्डिंग गेम्स शामिल रहे।

प्रत्येक सत्र को विशेष प्रशिक्षकों और मार्गदर्शकों की निगरानी में संचालित किया गया, जिससे बच्चों को व्यावहारिक अनुभव और नई सीख मिली।

शिविर के समापन समारोह का आयोजन समाजसेवी अनुराग जैन और विद्यालय के प्रधानाचार्य निर्दोष शर्मा जी की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया। इस अवसर पर प्रधानाचार्य श्री शर्मा ने अपने संबोधन में कहा –

“यह ग्रीष्मकालीन शिविर केवल मनोरंजन या कौशल विकास नहीं, बल्कि विद्यार्थियों के समग्र व्यक्तित्व विकास का एक सशक्त मंच रहा। यह शिविर छात्रों में आत्मविश्वास, अनुशासन, सहयोग और रचनात्मकता को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध हुआ।”

शिविर में भाग लेने वाले विद्यार्थियों में अदिति तोमर, अंतिम कौशिक, उत्कर्ष, आदित्य, कुंज, पार्थ, अवनी, आराध्या आदि विद्यार्थियों ने विशेष रूप से अपनी प्रतिभा का प्रभावशाली प्रदर्शन किया और विद्यालय का नाम रोशन किया।

शिविर की सफलता में स्कूल के शिक्षकों का भी अहम योगदान रहा। विशेष रूप से विपिन कुमार, विनीत जैन, महताब अली, सौम्या, रिचा, नितिन कुमार, मीनाक्षी, अंजलि तोमर, सोनिया राणा आदि शिक्षकों ने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया और उन्हें हर कदम पर मार्गदर्शन प्रदान किया।

तीन दिन तक चले इस शिविर ने न केवल बच्चों के गर्मी की छुट्टियों को ज्ञानवर्धक बनाया, बल्कि अभिभावकों और समाज के लिए भी एक सकारात्मक संदेश दिया कि शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं, बल्कि व्यवहारिक ज्ञान, सांस्कृतिक मूल्यों और सामूहिक विकास की प्रक्रिया भी है।

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