फोरलेन घोटाले में पीडब्ल्यूडी के रिटायर्ड एक्सईएन, एई और जेई के बयान दर्ज

नेशनल प्रेस टाइम ,ब्यूरो
बरेली। बरेली-सितारगंज फोरलेन और रिंग रोड परियोजना में भूमि अधिग्रहण के मुआवजे में हुए घोटाले के मामले में दोषी अभियंताओं ने मंगलवार को चीफ इंजीनियर अजय कुमार को बयान दर्ज कराए। संपत्तियों के मूल्यांकन में हुई गड़बड़ियों पर अपनी सफाई लिखित रूप से दी। चीफ इंजीनियर ने कहा कि जांच अंतिम चरण में है। शीघ्र रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जाएगी। वहीं से अग्रिम कार्रवाई का निर्णय लिया जाएगा।
दरअसल, फोरलेन निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण में किए गए घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत के बाद जांच के निर्देश दिए गए थे। तत्कालीन जिलाधिकारी ने वर्ष 2024 के नवंबर माह में मामले की जांच सीडीओ की अध्यक्षता वाली समिति से कराई थी। इसमें 21.52 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया था। जांच में पीडब्ल्यूडी के अभियंताओं की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई थी। इसके बाद शासन ने पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड में तैनात सहायक अभियंता स्नेहलता, अवर अभियंता सुरेंद्र कुमार को निलंबित कर दिया था। सेवानिवृत्त एक्सईएन नारायण सिंह के खिलाफ भी जांच के आदेश दिए थे। चीफ इंजीनियर अजय कुमार को इन अभियंताओं की घोटाले में संलिप्तता में जांच सौंपी गई। निलंबित सहायक अभियंता लखनऊ मुख्यालय से संबद्ध हैं। वहीं, अवर अभियंता सुरेंद्र कुमार चीफ इंजीनियर कार्यालय अटैच किए गए हैं, जबकि एक्सईएन नारायण सिंह घोटाला उजागर होने से पहले ही सेवानिवृत्त हो गए थे।
दो पीसीएस अफसर समेत कई हो चुके हैं निलंबित
शासन ने दो माह पहले बरेली-सितारगंज हाईवे और रिंग रोड निर्माण में हुए भूमि अधिग्रहण घोटाले में दो पीसीएस अफसरों आशीष कुमार व मदन कुमार को भी निलंबित किया था। बरेली में तैनात एडीएम आशीष कुमार के पास विशेष भू-अध्याप्ति अधिकारी का प्रभार था, जबकि मदन कुमार की तैनाती मऊ में थी। निलंबित किए गए दोनों अफसरों को राजस्व परिषद से संबद्ध किया गया है। दोनों पर वर्ष 2018 से 2020 के बीच हुए भू-अधिग्रहण घोटाले में शामिल होने का आरोप था। एक अमीन के खिलाफ भी कार्रवाई करते हुए उसे पूर्व में निलंबित किया जा चुका है।