सिंगरौली

कमिश्नर ने जल गंगा संवर्धन अभियान में सिंगरौली में कंचन नदी में किया श्रमदान

आने वाली पीढ़ी के लिए हमें जल संरक्षण करना अनिवार्य है – कमिश्नर श्री जामोद

नेशनल प्रेस टाइम्स, ब्यूरो ।

सिंगरोली । सरकार द्वारा विगत 30 मार्च से 30 जून तक जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है। रीवा संभाग के कमिश्नर बीएस जामोद ने अभियान के तहत सिंगरौली जिले के गड़ेरिया पंचायत पहुचकर कंचन नदी के पुनर्जीवन कार्य में श्रमदान किया। कमिश्नर तथा अन्य अधिकारियों ने नदी में गेबियन संरचना के पास साफ-सफाई की।

 इस अवसर कमिश्नर ने कहा कि वर्तमान जल संकट के लिए मानव ही जिम्मेदार है। हमने पानी का अंधाधुंध उपयोग किया और वनों का विनाश किया। जिसके कारण धरती के जल भण्डार खाली हो रहे हैं। जल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए अब हम सबकी जिम्मेदारी है कि आज से ही कल के लिए जल संरक्षण करें। हमने समय रहते जल संरक्षण के लिए प्रयास नहीं किया तो भावी पीढ़ी का जीवन संकट में होगा। उन्होंने कहा कि हमें प्रयास करना होगा कि खेत का पानी खेत में गांव का पानी गांव मे रहे जिससे स्वच्छ पेयजल की समस्या का समाधान हो सके। कमिश्नर ने कहा कि हमें अपनी विचारधारा को सुधारते हुये संकल्प लेना होगा कि हम पानी की हर एक बूंद को संरक्षित रख सकें। जल संरक्षण के लिए अपने जीवन शैली में उचित जल प्रबंधन को आत्मसात करना होगा। जल गंगा संवर्धन अभियान मे चल रहे कार्यों में हर व्यक्ति अपना योगदान दे। सामूहिक योगदान के माध्यम से ही किसी भी अभियान को सफल बनाया जा सकता है।

 कमिश्नर ने वृक्षों का महत्व बताते हुए कहा कि वनों से ही वर्षा होती है। नदियों को भी वनों से ही जल मिलता है। इसलिए हमें जल संरक्षण के साथ-साथ वृक्षारोपण में भी अपना योगदान देना होगा। हमें जल स्रोतों के आसपास वृहद स्तर पर वृक्षारोपण कर हरित पट्टी का निर्माण करना होगा जिसके माध्यम से हम मिट्टी के काटव को रोकने में सफल होगे साथ ही नदियां सदानीरा रहेंगी। इस अवसर कलेक्टर चन्द्रशेखर शुक्ला ने कहा कि जल के अपव्यय एवं वृक्षों की अंधाधुंध कटाई से आज हमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इसमें सबसे प्रमुख चुनौती पेयजल आपूर्ति की है। इस चुनौती का हल केवल जल संरक्षण है। चाहे वह वर्षा जल हो या नदियों में बहने वाले पानी का संरक्षण करना हो। अब हम सबको मिलकर यह प्रयास करना होगा कि हम अपने क्षेत्र में स्थित छोटे-छोटे जल स्रोतों का सामूहिक भागीदारी से संरक्षण करें। साथ ही अपने खेतों में वर्षा जल के संरक्षण के लिए मेड़ बंधान, लघु तालाब निर्माण कर वर्षा जल को संरक्षित करें।

कलेक्टर ने कहा कि खेत तालाब के माध्यम से जल संरक्षण करने पर हमें सिंचाई के पानी की सहज उपलब्धता हो जायेगी। इसके साथ खेत तालाब में मछली पालन, कमल की खेती कर अपनी आय को भी बढ़ा सकते हैं। इस दौरान कमिश्नर द्वारा जल शपथ दिलाई गई। इस अवसर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी गजेन्द्र सिंह नागेश, जिला पंचायत के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनुराग मोदी, जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक राजकुमार विश्वकर्मा संभागीय अधिकारियों तथा ग्रामीणों ने श्रमदान में भागीदारी निभाई।

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