उत्तर प्रदेश में बिजली निजीकरण के विरोध में देशभर के 27 लाख बिजली कर्मचारी सड़कों पर उतरे

नेशनल प्रेस टाइम्स,ब्यूरो।
जालौन। उत्तर प्रदेश के 42 जनपदों में बिजली वितरण के निजीकरण के विरोध में आज देशभर में बिजली कर्मचारियों, इंजीनियरों और अधिकारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के आह्वान पर देश के सभी राज्यों में यह विरोध किया गया।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र ने बताया कि ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन को झूठा शपथ पत्र देने के बावजूद क्लीन चिट देने से कर्मचारियों में गहरा आक्रोश है। समिति ने निजीकरण प्रक्रिया को प्रबंधन और निजी कंपनियों की मिलीभगत बताया है।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि घाटे के भ्रामक आंकड़ों के आधार पर सरकार पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों का निजीकरण कर रही है, जबकि घाटे की असली वजह गलत पावर परचेज एग्रीमेंट और सरकारी विभागों पर बिजली बिल की भारी बकाया राशि है।
आज भोजनावकाश के दौरान देशभर में 27 लाख बिजली कर्मचारियों ने कार्यस्थलों पर विरोध दर्ज कराया। इसी क्रम में जालौन जिले में भी जूनियर इंजीनियर संगठन और अन्य संगठनों ने एक दिन का कार्य बहिष्कार किया।
प्रदर्शन में अधिशासी अभियंता महेन्द्र नाथ भारती समेत बड़ी संख्या में अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे। कर्मचारियों ने चेताया कि यह आंदोलन आगे भी जारी रहेगा। इस सभा में अधिशासी अभियंता महेन्द्र नाथ भरती, एसडीओ कुठोंद सुनील कुमार, एसडीओ जालौन रामसुधार,सहायक अभियंता मी. द्वितीय आजाद धीरेन्द्र,जगदीश वर्मा,परमात्मा शरण,अलोक खरे, देवेंद्र सिंह, मोहम्मद शफीक ,नवीन कंजोलिया ,गौरव कुमार सर्जुल हसन, अज़ीम सिद्धकी,जे ई कुसुम लता, जे ई पूनम वर्मा ,जे ई रानी वर्मा, जे ई शिवम् साहू,राजेश कुशवाहा ,राहुल् साहू ,रवि यादव ,सौरभ ताम्रकार ,विजय गुप्ता ,अंकित सहनी ,अमन पांडे ,निशांत शर्मा,सूरज प्रसाद, विनोद श्रीवास मौजूद रहे।