पाकुड़

भाजपा इकाई ने मनाया अहिल्याबाई होलकर की 300 वीं जन्मजयंती

नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो,
पाकुड़ (झा०खं०), लोकमाता और पुण्यश्लोक की उपाधि से सम्मानित न्यायप्रिय शासिका अहिल्याबाई होलकर की 300 वीं जन्मजयंती गुरुवार देर शाम जिलाध्यक्ष अमृत पाण्डेय की अध्यक्षता में संगोष्ठी का आयोजन अपर्णा मार्केट कॉम्प्लेक्स में किया गया। इस कार्यक्रम में प्रदेश उपाध्यक्ष सह महगामा के पूर्व विधायक श्री अशोक भगत जी बतौर मुख्य वक्ता शामिल हुए। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष सह महगामा के पूर्व विधायक श्री अशोक भगत जी ने कहा कि अहिल्याबाई होलकर एक ऐसी महान नारी थीं जिनका जीवन हर भारतीय को प्रेरणा देता है। उन्होंने यह सिद्ध किया कि एक महिला भी कुशल प्रशासक, धर्मनिष्ठ शासक और प्रजावत्सला माता हो सकती है। उनका नाम इतिहास के पन्नों में स्वर्णाक्षरों में लिखा गया है। आज भी इंदौर में उनकी स्मृति में अनेक स्मारक, विश्वविद्यालय और संस्थान स्थापित हैं।उनकी जीवनगाथा नारी शक्ति, आत्मबल और सेवा भाव की जीती-जागती मिसाल है। जिलाध्यक्ष अमृत पाण्डेय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अहिल्याबाई को न्यायप्रियता की मिसाल दी जाती है। उन्होंने अपने पुत्र को भी अन्यायपूर्ण आचरण के लिए दंडित किया। अहिल्याबाई होलकर की विरासत आज भी जीवित है। उनका जीवन आज भी शासन, सेवा और नारी सशक्तिकरण के लिए प्रेरणाप्रद है।अहिल्याबाई स्वयं हर सुबह प्रातःकाल जनता दरबार लगाती थीं और लोगों की समस्याएं सुनती थीं। वे राजकोष को केवल राज्य और धर्म-हित के लिए खर्च करती थीं। उनके शासन में भ्रष्टाचार नहीं के बराबर था, क्योंकि वे स्वयं लेखा-जोखा रखती थीं।उन्होंने सेना का पुनर्गठन किया, ताकि बाहरी आक्रमणों से राज्य की रक्षा की जा सके। प्रदेश मंत्री दुर्गा मरांडी ने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर स्वयं जनता की समस्याएं सुनती थीं और बिना भेदभाव के न्याय देती थीं।उन्होंने सेना, भूमि व्यवस्था, कर संग्रह और व्यापार को संगठित किया। शर्मिला रजक ने कहा कि उन्होंने अनेक मंदिरों, घाटों, धर्मशालाओं और जलसेवाओं का निर्माण करवाया। काशी विश्वनाथ मंदिर, सोमनाथ मंदिर, रामेश्वरम, द्वारका आदि तीर्थस्थलों के पुनर्निर्माण में उनका योगदान अद्वितीय है। अनुग्रहित प्रसाद साह ने कहा कि महिलाओं के कल्याण हेतु विशेष योजनाएं चलाईं और विधवाओं के अधिकारों को महत्व दिया। वे साहित्य और संगीत की संरक्षिका थीं। उनके दरबार में कई विद्वान और संत निवास करते थे। कार्यक्रम का संचालन सपन कुमार दुबे ने किया। इस कार्यक्रम में पूर्व जिला अध्यक्ष विवेकानंद तिवारी,अनुग्रहित प्रसाद साह, जिला महामंत्री रूपेश भगत सरिता मुर्मू,शर्मिला रजक, जिला उपाध्यक्ष धर्मेंद्र त्रिवेदी, पार्थ रक्षित, महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष शबरी पाल, युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष दीपक साह, पवन भगत, मंडल अध्यक्ष मनोरंजन सरकार, सोहन मंडल,सुशांत घोष, सुकुमार मंडल,प्राची चौधरी, अजीत रविदास, रतन भगत,जीतू सिंह, राणा शुक्ला,गोपाल राय, तारा गुप्ता, मोहन मंडल,निधि गुप्ता, अरुण चौधरी, कोनिका साहा, पिंकी मंडल, अनामिका कुमारी, संजीव साह, सूरज भगत,अक्षय मंडल, सुरेश मंडल, सादेकुल आलम, सहित सैकड़ो लोगों उपस्थित हुए।

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